मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे लखनऊ के मेदांता अस्पताल में पिछले तीन महीने से भर्ती थे. उनके निधन की जानकारी बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी है. टंडन राज्यपाल से पहले लोकसभा में सांसद भी रहे हैं.
गौरतलब है कि तीन महीने पूर्व लालजी टंडन किडनी और लीवर की शिकायत के बाद लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए थे, जिसके बाद कल उनकी हालात और ज्यादा खराब हो गई थी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाया गया, जिसके बाद आज उनका देहांत हो गया.
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है. पीएम ने लिखा कि लालजी टंडन को समाज की सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई और हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया. उनके निधन से मैं दुखी हूं.
लालजी टंडन अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत एक पार्षद के रूप में की थी. इसके बाद वे जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. लालजी टंडन मायावती और कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे. वहीं जब अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ की लोकसभा सीट छोड़ी तो वे इसपर चुनाव लड़कर जीते.