उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 7 कमेटियों का गठन किया गया है. इन कमेटियों में युवा और वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी है. हालांकि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह को जगह नहीं मिली है.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यूपी के लिए घोषणापत्र समिति, संपर्क समिति, सदस्यता समिति, कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति, पंचायती राज चुनाव समिति और मीडिया एवं संचार परामर्श समिति के गठन को स्वीकृति प्रदान की है.
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इन समितियों के माध्यम से पुराने और हाशिए पर पड़े नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की है. साथ ही युवाओं को तरजीह देकर संतुलन बनाने की भी कोशिश की गई है. मसलन पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पीएल पुनिया को घोषणापत्र में जगह दी गई है. हालांकि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले उप्र के तीन नेताओं को किसी भी समिति में जगह नहीं मिली है.
इसके अलावा प्रमोद तिवारी को संपर्क समिति, अनुग्रह नारायण सिंह को सदस्यता समिति, नूर बानो को कायज़्क्रम क्रियान्वयन समिति, राजेश मिश्रा को पंचायती राज समिति और राशिद अलवी को मीडिया एवं संचार परामर्श समिति में शामिल किया गया है. जानकारों का कहना है कि सभी नेताओं को जिम्मेदारी सौंप कर कांग्रेस को एक सूत्र में बांधने और जोश जगाने की कोशिश की जा रही है.