सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के संबंध में केंद्र से छह हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. बता दें कि इससे पहले इससे पहले 5 अक्तूबर को हुई सुनवाई में विदेश मंत्रालय ने अदालत को बताया था कि भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने दिया था, लेकिन इसका कोई भी प्रभाव नहीं दिखा. उस दौरान केंद्र का कहना था कि उन्हें ब्रिटेन में चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है, जिसके चलते माल्या के भारत लाने मे (प्रत्यर्पण) में देरी हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर तक टाल दी थी सुनवाई
इस दौरान अदालत ने केंद्र द्वारा साफ जवाब नहीं देने पर भगोड़े कारोबारी के वकील को फटकार लगाई थी और सुनवाई 2 नवंबर तक के लिए टाल दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के वकीलों से कहा था कि वे दो नवंबर तक बताएं कि माल्या कब अदालत के समक्ष पेश हो सकता है और गोपनीय कार्यवाही कब तक खत्म हो जाएगी?