मैं बड़ी बेसब्री से बिहार चुनाव के रिजल्ट का इंतजार कर रहा हूं। क्योंकि इस बार यह देखना बेहद रोचक होगा कि क्या ‘बिहार में बाहर आयेगी। लगता है अब किसी भी बिहारी को दो जून की रोटी के लिए बिहार राज्य छोड़ कर, काम-काज की तलाश में बहार (देश के अन्न राज्यो मे) जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि इस बार हर पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार देने को प्रमुखता से रखा गया है। अब देखना ये है कि क्या ‘बिहार में बाहर’ आएगी?
या एक बार फिर बिहारी, राजनीत के कुचक्र में उलझ कर व नेताओ के लोक-लुभावन चुनावी वादो में ही फस कर रह जायेगा। और बिहारियो को एक बार फिर पेट की आग बुझाने के लिए हर बार की तरह ही, इस बार भी छोला उठा कर पलायन के लिए तैयार रहना होगा।
शाश्वत तिवारी