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दिल्ली बार्डर पर धरना दे रहे किसानों का विरोध, स्थानीय लोगों ने की जगह खाली करने की मांग

दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पिछले दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का भी विरोध शुरू हो गया है. दिल्ली की सिंधु बॉर्डर पर मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करे रहे किसानों का विरोध वहां के स्थानीय लोगों ने करना शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों का गुरूवार को विरोध कर उन्हें जगह खाली करने को कह रहे हैं.

सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों की मांग थी कि वह इस क्षेत्र को खाली कर दें. स्थानिय लोगों हाथ में तिरंगा थामे प्रदर्शन स्थल पर जाकर किसानों से जगह खाली करने की मांग कर रहे थें. बॉर्डर पहुंचे लोगों ने लाल किले की घटना पर आक्रोश जताते हुए कहा कि हम तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे. काफी वक्त हो गया, अब सिंघु बॉर्डर खाली होना चाहिए, हमें इस दौरान बहुत दिक्कत हुई है. बता दें कि सिंधु बॉर्डर पर किसाम पिछले दो महीनों से डेरा जमाये हुए हैं और कृषि कानूनों की वापसी की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

सरकार से 11वें दौर की बातचीत के बाद भी फिलहाल कोई हल नहीं निकल पाया है. बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर पुलिस ने अपना शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने साफ कह दिया है कि लाल किले पर हुई हिंसा के दौरान जितने भी उपद्रवी शामिल थें उनसे सख्ती से निपटा जायेगा.

दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी भी कर दिया है. वहीं दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है.

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