लखनऊ। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबन्धक एवं, मण्डल कल्याण समिति के अध्यक्षअजय कुमार खन्ना ने आज (3 मार्च) स्टेट बैंक अन्तर्मण्डलीय हाकी टूर्नामेन्ट का उद्घाटन करते हुये कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ियों ने सदैव राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बैंक का नाम ऊंचा किया है, हम आशा करते है कि सभी खिलाड़ी उत्कृष्ट खेल भावना का प्रदर्शन करेंगे।
मो. शाहिद अन्तर्राष्ट्रीय हाकी स्टेडियम, गोमती नगर में दीप प्रज्ज्वलन एवं गणेश वन्दना के सुरों के बीच भव्य उद्घाटन समारोह में बैंक के मुख्य महाप्रबन्धक अजय कुमार खन्ना ने प्रतियोगिता का उद्घाटन कर भाग ले रही बैंक के 10 मण्डलों की टीमों को शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि टीम स्पिरिट न केवल खेल के मैदान में बल्कि बैंकिंग कार्य में भी अत्यन्त आवश्यक एवं उपयोगी है।
इस अवसर पर प्रदेश के खेल निदेशक आर. पी. सिंह ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने पूर्व में अनेक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हाकी खिलाड़ी दिये हैं और विश्वास है कि यह परम्परा भविष्य में भी बरकरार रहेगी। श्री अजय कुमार खन्ना एवं श्री के0के0 सिंह ने सभी टीमों के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर पी.ए.सी. बैन्ड ने अपना विशेष योगदान किया।
के.के. सिंह, सचिव, मण्डल कल्याण समिति ने बताया कि तीन दिनों में 12 लीग मैच खेले जायेंगे। उद्घाटन मैच लखनऊ एवं कोलकाता के बीच होगा। 6 मार्च को दोनो सेमीफाइनल एवं 7 मार्च को फाइनल खेला जायेगा। उन्होंने बताया कि टूर्नामेन्ट में अहमदाबाद, भोपाल, बेंगलुरू, चेन्नई, चन्डीगढ़, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, पटना तथा लखनऊ मंडल की टीमें सहभाग कर रही हैं। लखनऊ टीम में अर्जुन सिंह यादव, धान सिंह, शैलेन्द्र सिंह तथा अनिल शर्मा अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है।
मण्डल विकास अधिकारी सी. बी. के. सिंह ने कहा कि जीत-हार से अधिक महत्वपूर्ण है स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का प्रदर्शन। अतः सभी खिलाड़ियों को इस ध्येय वाक्य को ध्यान में रखना होगा तभी बैंक की छवि निखरेगी। इस अवसर पर बैंक अधिकारी डी.एस.रावत, जी.एस.राणा, ए.के. सिन्हा, वरूण राज जी उपाध्याय (सभी महाप्रबन्धक) नीलेश द्विवेदी, ब्रजराज सिंह भंडारी, एस. के. पोरवाल, अश्वनी दरबारी, मुकुल सक्सेना (सभी उप-महाप्रबन्धक) मयूर तोलानी, धर्मेन्द्र कुमार, अशोक मिश्रा, अंकुश गुप्ता (ए.जी.एम.) रनधीर झा, नवनीत राठौर, पवन कुमार आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजेश कुमार शुक्ल ने किया।