लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने केंद्र व राज्य सरकार को कोरोना की दूसरी लहर को सुनामी की संज्ञा देते हुए इससे निपटने के लिए किए जाने वाले इंतजामों में बुरी तरह विफल करार देते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी सुनामी ने जिस व्यापकता से संपूर्ण देश को अपनी चपेट में ले लिया है उससे नीति नियंताओं और पूरे स्वास्थ्य विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। क्योंकि जब दुनिया के कई देश कोरोना के दूसरे दौर की चपेट में आकर इसके दुष्परिणाम भुगत रहे थे, लॉकडाउन लगा रहे थे और मानव जीवन को खो रहे थे तब भारत के नीति नियंताओं ने इससे निपटने के लिए क्या व्यवस्था की?
अनुपम मिश्रा ने केंद्र सरकार से प्रश्न करते हुए पूछा कि जब पिछले वर्ष के अनुभवों से यह ज्ञात हो चुका था कि कोरोना की इस लड़ाई में सबसे कारगर हथियार ऑक्सीजन है और इस हेतु 160 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की बात तय की जा चुकी थी तो फिर उन पर अमल न किया जाना और ऑक्सीजन का निर्यात विश्व के कई देशों को किया जाते रहना न केवल लापरवाही और उदासीनता का परिचायक है बल्कि यह देश की जनता को जानबूझकर मौत के मुंह में झोंकने जैसा है।
उन्होंने कहा कि हमारे स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत तो पिछले वर्ष ही सबके सामने आ चुकी थी और रही सही कसर इस सुनामी ने उजागर कर दी ,यदि समय रहते इन्हें सुधारा गया होता तो हजारों जानें बचाई जा सकती थी, दुख एवं पीड़ा की बात है कि जिन लोगों पर हमारे जीवन व स्वास्थ्य को बचाने की जिम्मेदारी थी उनकी लापरवाही की कीमत आज भारत की मासूम जनता अपने प्राणों की आहुति से चुका रही है। अनुपम मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दावे को कि “किसी भी कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी की है “ को पर्याप्त बताते हुए कहा कि पूरा शहर ऑक्सीजन के अभाव में लाशों से पटा पड़ा है। श्मशान घाट से लेकर अस्पताल तक शवों की लाइन लगी है और मुख्यमंत्री न केवल झूठ बोल रहे हैं बल्कि वह स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति कितनी खराब है जब हजारों लोगों के प्राणों को इस ध्वस्त व्यवस्था की नाकामी के कारण गवाना पड़ रहा हो तो ऐसी व्यवस्था व सरकार को अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं रह जाता जो स्वयं स्वीकार कर रही हो कि समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी की है।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सदैव दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश की तुलना करके अपनी विफलताओं को छिपाने की असफल कोशिश करते हैं। जब मुख्यमंत्री स्वयं मानते हैं कि संक्रमण पिछली बार की तुलना में 30 गुना अधिक है तो ऐसा नहीं है कि सरकार को यह पता नहीं था कि संक्रमण का दूसरा दौर सुनामी जैसा कहर बनकर टूटेगा तब फिर इस बीते 1 वर्ष में तैयारी क्यों नहीं की गई। बीते 24 घंटे में लगभग 40000 नए संक्रमित मरीज उत्तर प्रदेश में अकेले सामने आए हैं, जबकि संक्रमितों कि वास्तविक संख्या दिल दहलाने वाली होगी। अनुपम मिश्रा ने मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई “ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर यूपी “की तुलना “क्लाइमेट चेंज अथॉरिटी” से करते हुए कहा कि उस समय भी बड़ा हो हल्ला कर वाह वाही लूटी गई थी कि ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना पर परिणाम सभी के सामने हैं कि किस प्रकार उत्तर प्रदेश के तमाम शहर वायु प्रदूषण के मामले में विश्व के सर्वाधिक वायु प्रदूषित शहरों में शामिल है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से अपील की कि यदि शेष बचे हुए पंचायत चुनाव नहीं टाले गए तो गांव के गांव से लाशों के ढेर निकलेंगे और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार की होगी। यह समय व्यवस्थाओं को सशक्त व सुलभ कर आम जनता को मौत के मुँह से निकालने का है और इस हेतु पूरा राष्ट्रीय लोक दल आपके साथ खड़ा है ।