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कोविड के दौर में नर्स मेंटर पदम का रहा अतुलनीय योगदान

औरैया। जिले में कोरोना के इस मुश्किल दौर में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना के नर्स मेंटर पदम सिंह गर्भवती के सहायक के साथ ही सलाहकार के रूप में भी नजर आते हैं। धैर्य और लगन से केन्द्र के लेबर रूम में प्रसव के दौरान डॉक्टर के साथ बतौर सहायक खड़े होना हो, मरीज को समय से दवा व सुई देनी हो या फिर सामान्य प्रसव कराना हो यह सभी चुनौतीपूर्ण कार्य में पदम सदैव अपने धैर्य का परिचय देते हैं। इनकी खूबी यह है कि जोखिम वाले प्रसव के दौरान इन्हें ही याद किया जाता है। पदम अपने इस काम को बड़ी ईमानदारी से निभाते हैं। इनका कहना है कि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के मिशन पर काम कर रहे हैं।

जनपद के दूरस्थ बिधूना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नर्स मेंटर पदम सिंह वर्ष 2008 से स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2018 में नर्स मेंटर के पद पर पदोन्नत होकर उन्होंने फिर से एक बार केंद्र में कार्यभार संभाला। पिछले वर्ष वह जुलाई में कोरोना पाजिटिव हुए, फिर भी फोन के माध्यम से नर्सों को सलाह देते रहे। ब्लॉक बिधूना मुख्यालय से 45 किमी दूर है और आस-पास के दर्जनों गांवों की गर्भवती के लिए यही एकमात्र सहारा है। पदम बताते हैं कि वह स्वयं अपने अधीन केंद्र पर कार्यरत पांच नर्सों को ट्रेंड करते हैं। गर्भवती की कोरोना सम्बंधित काउंसिलिंग करते हैं। इसके साथ ही प्रसव के दौरान भी मुस्तैदी से ड्यूटी करते हैं। पदम कहते हैं कि मरीजों की सेवा में जो सुख मिलता है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने सेवाभाव की वजह से इस पेशे को चुना है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में अब तक करीब 3000 सुरक्षित प्रसव उनके द्वारा करवाये जा चुके हैं।

पदम बताते हैं कोरोना से जुड़े तमाम भ्रम के बारे में गर्भवती जब पूछती हैं तब काउंसलिंग के जरिये वह उनके मानसिक तनाव को कम करते हुए भ्रम दूर करते हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र पर वह कोरोना का टीका भी मरीजों को लगा रहें हैं। साथ ही परिवार नियोजन सम्बंधित अंतराल दिवस का आयोजन व अंतरा लगवाने के लिए महिलाओं को प्रेरित करना इनके मुख्य कार्यों में है।

बिधूना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीपी शाक्य कहते हैं कि केंद्र में कार्यरत पदम सिंह अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं। कोरोना पॉजिटिव महिला का प्रसव हो या फिर कोरोना से जूझते इंसान, सबका इस बुरे वक्त में पदम बखूबी साथ दे रहे हैं। लेबर रूम से लेकर टीकाकरण जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। इसकी वजह से मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि पदम ड्यूटी शुरू होने से पहले ही अस्पताल पहुंच जाते हैं और ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी कुछ देर तक अपने मरीजों के बीच रहते हुए वक्त गुजारते हैं। साथ ही प्रसव के लिए पहुंचने वाली सभी महिलाओं के साथ सामान्य बर्ताव करते हैं।

सुरक्षित प्रसव व परिवार नियोजन के लिए मिले हैं कई पत्र :- सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए पदम सिंह को सेफ डिलीवरी चैंपियन का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। केंद्र को कायाकल्प पुरस्कार दिलाने में पदम की अहम भूमिका है, जिसके लिए अधीक्षक द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। परिवार नियोजन में सर्वाधिक पीपीआयूसीडी लगवाने पर इन्हें प्रथम पुरस्कार मिला। इसके अलावा स्वच्छता अभियान के लिए भी इनको सम्मानित किया जा चुका है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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