लखनऊ। गरीबों, मजदूरों और रोज कमाई कर जीवन यापन करने वालों की मदद के लिए योगी सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य सरकार ने गरीबों के भरण पोषण भत्ता विरण का आदेश जारी कर दिया है। गरीबों की सहायता के लिए सबसे बड़े भरण पोषण भत्ता राशि के वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोरोना की पहली लहर के दौरान 55 लाख कामगारों,मजदूरों को 550 करोड़ रुपये भरण पोषण भत्ता देने वाली योगी सरकार इस बार नया कीर्तिमान बनाने जा रही है।
आदेश जारी करने के साथ ही राज्य सरकार ने जिला स्तर पर पात्रों के चिन्हीकरण के लिए कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर जिले में कमेटी सूची तैयार करेगी। कमेटी में सीडीओ, एडीएम, वरिष्ठ कोषाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, डीएसओ, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी शामिल होंगे। ठेला, खोमचा, रेहडी, खोखा, पटरी दुकानदार, पंजीकृत श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई समेत रोज कमाकर खाने वालों को भत्ता मिलने वालों की सूची में शामिल किया जाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। पिछले साल कोविड काल में सरकार ने रिक्शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी समेत 55 लाख गरीब परिवारों को एक हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता व 3 महीने मुफ्त राशन वितरण किया था। सरकार ने गरीब परिवारों को सहारा देने के लिए 550 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
कोरोना की पहली लहर के दौरान योगी सरकार ने 4 करोड़ 46 लाख श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण करने के साथ 13 करोड़ 40 लाख लोगों को पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया था। मनरेगा के तहत 27़ 15 लाख श्रमिकों के खाते में 611 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर मुश्किल वक्त में बड़ा सहारा दिया था।