श्रीलंका क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर जारी है और यह समस्या जल्द सुलझती नहीं दिख रही है। नई ग्रेडिंग प्रणाली की शुरूआत ने मामले को और खराब कर दिया है। नए पॉइंट-बेस्ड ग्रेडिंग सिस्टम के तहत खिलाड़ियों को उनकी फिटनेस, अनुभव, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट दिया जा रहा है।
32 या 33 की उम्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की नहीं होती। क्योंकि कई बार देखा जाता है कि ये किसी भी खिलाड़ी का पीक समय होता है, लेकिन इस उम्र में श्रीलंका के क्रिकेटर संन्यास ले रहे हैं, वो भी किसी एक फॉर्मेट से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ही।
इसुरु उदाना ने संन्यास के बाद जो बयान जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि मेरे लिए अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए जगह बनाने का समय आ गया है।” उदाना महज 33 साल के हैं और उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है। ऐसे में कई लोग मानते हैं कि संन्यास का निर्णय नई प्रणाली के कारण लिया गया है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रीलंका के एक और प्रमुख तेज गेंदबाज के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला से पहले संन्यास लेने की संभावना है। निरोशन डिकवेला उन तीन खिलाड़ियों में से हैं जिन्हें इंग्लैंड दौरे में बायो-सिक्योर बबल को तोड़ने का दोषी पाया गया था।
ये तीनों क्रिकेटर कुछ समय के लिए राष्ट्रीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं। इसलिए उनमें से किसी का भी रिटायरमेंट श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि इस हंगामे के बीच हाल ही में श्रीलंकाई टीम को जश्न मनाने की एक बड़ी वजह मिली।