आज 1 अप्रैल को लोग April fool या फूल डे के नाम से जानते है। इस दिन लोग सभी को मुर्ख बना कर मज़े लेते हैं। या यूँ भी कह सकते हैं की इस दिन लोग मुर्ख बनकर भी मज़े लेते हैं तो भी गलत नहीं होगा। आज आपको बताते हैं इस दिन से जुडी कुछ बातें।
लगभग सभी देशों में मनाते हैं April fool
बता दें की अप्रैल फूल सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका जैसे देश भी शामिल हैं। यहाँ भी अलग-अलग तरीकों से अप्रैल फूल मनाया जाता है। दोस्त व रिस्तेदार सभी आपस में इस दिन को मानते हैं।
मज़ाक करते समय कुछ बातों का अवश्य रखें ध्यान
अप्रैल फूल मानते समय वैसे तो लोग कुछ भी तरीका अपनाते हैं लेकिन आज के दिन भी कुछ बातों का अवश्य रखे ध्यान। मज़ाक करते समय यह देखना उचित होगा की मजाक किससे किया जा रहा है, कैसा मजाक किया जा रहा है यह काफी ध्यान देने वाली बात होती है। यह भी आवश्यक है की मजाक से कहीं किसी व्यक्ति को किसी तरह की शारीरिक या फिर मानसिक चोट तो नहीं पहुँच रही।
32 मार्च के चक्कर में बने अप्रैल फूल
बात 1381 की है, इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने ऐलान किया था कि उनकी सगाई 32 मार्च 1381 को होगी। इस चक्कर में वहां की जनता 32 मार्च का इंतज़ार ही करती रह गयी ,जिसके इंतज़ार में लोग अपने आप को अगले दिन मुर्ख बना पाए। उसके बाद से ही 31 मार्च के बाद 1 अप्रैल को अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।
आज के दिन मज़ाक करने से नहीं पीछे हटता
आज के इस दौर में जहाँ हर कोई अपनी भागदौड़ में परेशान है वहीँ आज के दिन सभी आपस में मज़ाक करने से नहीं चूकते। आज के दिन बड़े छोटे सभी आपसे में मज़ाक करते हैं । वहीँ बता दें एक छोटा सा मजाक लोगों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। इससे बॉडी में फिल-गुड हार्मोन एंडोर्फिन एक्टिव होने के साथ ही मूड भी अच्छा होता है।
अप्रैल वाले माने गए अप्रैल फूल
कहा जाता है की पहले हर जगह भारतीय कैलेंडर की मान्यता थी। इसके मुताबिक नया साल अप्रैल में पड़ता है। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कैलेंडर लागू करने की सुचना दी जिसके बाद से कुछ लोग जनवरी में तथा कुछ लोग जो उस कैलेंडर को नहीं मानते थे वे अप्रैल में नया साल मनाने लगे। इसी के चलते जनवरी वाले अप्रैल वालो को अप्रैल फूल बोलने लगे।