राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल स्वच्छता स्वास्थ्य और सुपोषण के प्रति जागरूकता को अपरिहार्य मानती है। इससे संबंधित कार्यक्रमों में वह स्वयं भी सहभागी होती है। इसके साथ ही वह आंगनबाड़ी केंद्रों को भी सुविधा सम्पन्न बनाने को महत्व देती है। पिछले दिनों उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों से अपनी क्षमता के अनुरूप आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने का सुझाव दिया था। एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को संसाधनों से सुसज्जित करना आवश्यक है। इससे वहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा,संस्कार व कुपोषण मुक्त किया जा सकता है। कुपोषण जैसी समस्या के समाधान के लिए ही देश में बड़े स्तर पर आंगनवाडी केन्द्रों और प्रधानमंत्री पोषण योजना कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां गर्भवती महिलाओं,बच्चों और किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। बच्चों के स्वास्थ्य,पोषण,पीने का शुद्ध पानी,स्वच्छता, अच्छी शिक्षा आदि पर विशेष दें।।राज्यपाल ने कहा कि आज सरकार हर ग्राम में महीने में एक बार ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवसों का आयोजन कर रही है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की खून, पेशाब,ब्लड प्रेशर की जांच होती है। आयरन, कैल्शियम तथा आवश्यक दवाएं दी जाती हैं। इन सरकारी सेवाओं का लोग अधिक से अधिक लाभ उठाएं और जागरूकता फैलाएं। इस कार्य में ग्राम प्रधान तथा गांव के सम्भ्रांत व्यक्तियों का भी सहयोग लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को चाहिए कि वे अपनी ग्राम सभा में सरकार द्वारा चलाये जा रहे जन कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का शत् प्रतिशत लाभ अपनी गरीब जनता को दिलायें। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं की ओर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,जो किन्ही परिस्थितियों में विकास की मुख्य धारा से वंचित रही हैं। राज्यपाल की प्रेरणा से महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली से सम्बद्ध सात महाविद्यालयों ने तीस आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया,जिसमें प्रतीकात्मक रूप में दस आंगनबाड़ी केन्द्र को राज्यपाल ने पठन पाठन एवं खेलकूद सामग्री दी, जबकि शेष आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाद में महाविद्यालय द्वारा पठन पाठन एवं खेलकूद सामग्री वितरित की गयी।
इसके साथ ही इस अवसर पर पांच बच्चों का अन्नप्राशन तथा ग्यारह गर्भवती महिलाओं की गोद भराई करते हुए फल एवं मिठाई वितरित की। इसके अलावा राज्यपाल की प्रेरणा से विद्यालय परिसर में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया। विश्वविद्यालय के सहयोग से इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिये खेल-कूद एवं पठन पाठन सामग्री तथा फल एवं मिठाई वितरित की गयी। आनन्दी बेन ने कहा कि महिला सशक्तीकरण वह ताकत है जो समाज एवं देश में बहुत बदलाव लाया जा सकता है।
महिला सशक्तीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। प्रधानमंत्री का मानना है कि केवल सशक्त महिलाएं ही एक सशक्त समाज एवं मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। आंगनबाड़ी केन्द्र पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें खाने।पीने के बर्तन स्वच्छ हो तथा केन्द्र के शौचालय बच्चों की सुविधानुसार बनाये जाये। उन्होंने कहा की आज केन्द्र के लिये जो पठन पाठन एवं खेल कूद सामग्री दी गयी है, उसका प्रतिदिन उपयोग करें। ऐसा करने से उनमें आंगनबाड़ी केन्द्र पर आने तथा सीखने में रूची जगेगी। बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार ही पोषण सामग्री खाने के लिये दे ताकि किसी भी प्रकार की बर्बादी को रोका जा सके।