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बदलते मौसम में बच्चों का रखें ध्यान : डॉ. राठौर

• छोटे बच्चों को ठण्ड से बचाकर रखना बेहद ज़रूरी

कानपुर। मौसम में बदलाव के साथ ही ठण्ड की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे मौसम में किसी भी समय तापमान में बदलाव हो जाता है, जिसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर होता है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है, यह कहना है बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. राठौर का।

जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. राठौर ने बताया कि सर्दी के मौसम में बच्चों को ठण्ड से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा मौसम में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है, आमतौर पर वयस्कों में इस मौसम का बहुत प्रभाव नही पड़ता, इसी वजह से उन्हें मौसम में ठण्ड बढ़ने का ज्यादा पता नहीं चलता है।

लेकिन मौसम में हल्की ठण्ड बढ़ने का भी छोटे बच्चों पर बहुत ज्यादा असर होता है। ऐसे में लापरवाही से बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और खतरा भी बढ़ सकता है। डॉ. राठौर ने कहा कि कुछ विशेष बातों पर ध्यान रख कर बच्चों को ठण्ड से बचाया जा सकता है। उम्र के हिसाब से बच्चों का ध्यान रखना चाहिए –

• जब तक नवजात शिशु की नाल न गिर जाये उसे नहीं नहलाना चाहिए और कपड़े में लपेट कर ही रखना चाहिए, उसके हाथ-पैर गर्म रहने चाहिए। यदि नहलाने की बहुत आवश्यकता पड़ती है तो हल्के गुनगुने पानी में कपड़े को भिगोकर अच्छे से निचोड़ कर उस कपड़े से बच्चे के शरीर को हल्के हाथों से पोंछ सकते हैं। जब बच्चे की नाल गिरने के बाद ही नहलाना चाहिए वह भी सावधानी के साथ। नहलाने के लिए पहले पानी में अपनी कुहनी डाल कर गर्माहट की जाँच कर लें।

• नहलाने के लिए पानी को सिर्फ गुनगुना न करें, बल्कि पानी को ठीक से खौलाने के बाद उसे गुनगुना होने तक ठंडा करें, फिर उस पानी से बच्चे को नहलाएं। इससे यदि पानी में कोई संक्रमण होगा तो वह ख़त्म हो जाता है।

• बच्चे को नहलाने के लिए सीधे सिर पर पानी कभी न डालें, सबसे पहले पैरों की तरफ से नहलाते हुए ऊपर की ओर जाएँ और सिर को सबसे बाद में धोएं वह भी हलके हाथों से। नहलाने में बहुत समय न लगायें और सिर की ओर से पोंछते हुए पैरों की ओर जाएँ। शरीर से पानी पोंछने के बाद तुरंत किसी सूखे कपडे में लपेटें।

• थोड़े बड़े बच्चों को ऐसे समय नहलान ज्यादा उचित होगा जब धूप खिली हो और ठंडी हवा न चल रही हो। नहलाने के लिए पानी गुनगुना हो, साबुन ऐसा हो जो आँखों में न लगे और तौलिया मुलायम हो। मौसम ख़राब होने पर बच्चों को न नहलायें।

• पानी बच्चे के कान में न जाये इसके लिए रुई को पहले तेल में डुबो कर निचोड़ लें और बच्चे के कान में लगा दें, नहलाने के बाद रुई निकाल दें।

• सुबह-सुबह या ज्यादा शाम में बच्चे को बाहर ले जाने से बचें या अच्छे से ढँक कर ही ले जायें और मौसम के हिसाब से कपड़े पहना कर रखें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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