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राष्ट्रवाद मानव भावना ही नही जीवन व्यवहार भी हैः सुबुही खान

औरैया। जिले के कस्बा बिधूना में राष्ट्र जागरण अभियान की संयोजक एवं उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता सुबुही खान ने कहा कि पंजाब, हिमाचल, हरियाणा शौर्य की भूमि है तो उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा जातियों वाला प्रदेश है। देश में कुछ विधर्मी मानसिकता के लोग कुछ घटनाओं में जातिगत रूप दे देश को जातियों में विभाजित कर हमारे राष्ट्र को कमजोर करने का षडयंत्र कर रहे है।

कस्बा बिधूना के जे.टी. गेस्ट हाउस में रविवार को राष्ट्र जागरण अभियान के तहत प्रकृति से लौटेंगे संस्कृति के ओर विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयोजक खान ने कहा कि देश में जातीय वैयमनुश्यता फैलाकर इसे अलग-अलग टुकडों में बांटने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस व बलराम में हुई दुखद घटनाओं के बाद विधर्मी ताकतों ने जिस तरह से हमारे समाज में गंदी मानसिकता के साथ जातिगत दंगे भडकाने की कोशिश की। ऐसी विधर्मी ताकतों की मानसिकता का पर्दाफाश करने के लिए वह पूरे देश में राष्ट्र जागरण अभियान में निकली है। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।

उन्होने कहा कि मैं कानून की छात्रा रही हूं मैंने सीएए व एनआरसी को लेकर हुए आंदोलनों के बाद एक अध्ययन के माध्यम से पता लगाया कि हमारे देश में सात प्रकार की राष्ट्र विरोधी मानसिकताएं देश को तोडने का प्रयास कर रही है। इनमें वामपंथी, अलगाववादी, आतंकवादी संगठन, बौद्धिक अलगाववादी, विधर्म राजनीतिक दल, धर्मांतरण माफिया व कारपोरेट माफिया आदि शामिल है जो हमारे देश को तोडने का काम कर है। उन्होने कहा कि ऐसी ताकतें पहले व्यक्ति को अलगाववादी बनाकर उसे समाज से अलग करते है। उसके बाद उसे कट्टरवादी बनाया जात और अंत में वह आतंकवादी बन जाता है।

उन्होने कहाकि द्विराष्ट्रवादी मानसिकता पाकिस्तान के बनने से खत्म नही हुई है। इसलिए मैं मुस्लिमों के बीच जाकर राष्ट्र प्रेम के प्रति जनजागरण कर रही हूं और उन्हें बता रही हूं कि कुछ विधर्मी ताकतें वोट के लिए उनके अंदर अलगाववाद की भावना पैदा कर रहे है। ऐसी ताकतों के बहकावे से वह लोग बचें। उन्होने कहाकि मुस्लिमों की तरह ये लोग सिख समुदाय को भी राष्ट्र भावना से भटकाने का प्रयास कर रहे है। उन्होने कहाकि विरोध पर आधारित राष्ट्रवाद कि नहीं हमें सकारात्मक राष्ट्रवाद के लिए भी कार्य करना है। राष्ट्रवाद मानव भावना ही नही जीवन व्यवहार भी है।

उन्होंने धर्म पंथ व संस्कृति के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हम प्रकृति से जितना लें उतना उन्हें दें तभी प्राकृतिक संतुलन कायम रह सकेगा। अगर चार पेड काटें तो आठ पौधे अवश्य लगायें। इस मौके पर भाजपा प्रदेष कार्य समिति के सदस्य एवं कार्यक्रम के संयोजक अनिल गुप्ता, बेटी बचाओ बेटी पढाओ विभाग की प्रदेश सहसंयोजक श्रीमती मंजू सिंह, रमेश चन्द्र गुप्ता, डा घनश्याम सिंह सेंगर, सतीश चन्द्र गोयल, अनिल त्रिपाठी, डा श्यामनरेश दुबे, सतीश चन्द्र शुक्ला, गौरी शंकर शाक्य आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकिशोर शुक्ला एडवोकेट व संचालन प्रवीन कुमार ने किया।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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