सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि संवैधानिक अदालत मंदिर के दैनिक अनुष्ठानों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। यह कहते हुए शीर्ष अदालत ने प्रतिष्ठित तिरुपति तिरुमाला मंदिर में अनुष्ठानों में अनियमितता का आरोप लगाने वाले एक भक्त की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केवल मंदिर प्रशासन से संबंधित मुद्दों को देख सकती है जो निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन नहीं करते हैं, लेकिन न्यायालय के लिए कर्मकांडों और सेवा से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप करना संभव नहीं है।
चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता श्रीवारी दादा से सवाल किया, क्या हम मंदिर के अनुष्ठानों में हस्तक्षेप कर सकते हैं? नारियल कैसे तोड़ें या आरती कैसे करें यह तय कर सकते हैं?
आंध्र हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को मंदिर में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान और सेवा करने की विधि सुधार करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।