Dead body भी हर माह पेंशन निकाल रहे हैं। उनके भी कफन में जेब नहीं होती और मुर्दों का पैसों से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन यह बात उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में लागू नहीं होती है। यहां पर जिले का सरकारी विभाग मुर्दों को कई सालों से हर माह पेंशन दे रहा है। जबकि उनकी मौत हो चुकी है उनके खाते में हर माह वृद्धा पेंशन डाला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि मुर्दे अपने खाते से पैसे निकाल भी रहे हैं। ऐसे मुर्दों की संख्या एक नहीं बल्कि एक दर्जन है।
Dead body को छोड़ 60 वर्ष पूरे कर चुके वृद्धों को नहीं मिल रहा लाभ
देवरिया जिले पड़री-झिल्लीपार गांव में 12 ऐसे लोगों के खाते में वृद्धा पेंशन विकास भवन की ओर से डाला जा रहा है। जिनकी मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है। लेकिन सरकारी महकमा इस कदर मुर्दों पर मेहरबान है कि उनके खाते में हर माह नियत समय से सरकारी धन उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके जरुरतंदों को पेंशन ही नसीब नहीं हो रही है।
ग्राम प्रधानों और बीडीओ की मिलीभगत से होता है बड़ा घोटाला
पेंशन देने का काम समाज कल्याण विभाग करता है और डीएम हर माह जिले में दी जाने वाली पेंशन की समीक्षा करते हैं। ग्राम प्रधानों और बीडीओ की मिलीभगत से बड़ा घोटाला लगातार किया जा रहा है। लेकिन सरकारी विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण सरकारी धन का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के अफसर दीनानाथ शुक्ला सत्यापन के बाद जांच कराने की बात कर रहे है और विभाग को पाक साफ बताने में लगे हुए हैं।