• तुलसी ड्रॉप इम्यूनबूस्टर तथा नारी मेडिकेटेड सैनिटरी नैप्किन की तकनीकी हस्तांतरण
• तुलसी ड्रॉप एवं एरोमा वैल्यू किट व एरोमा मिशन ब्रोचर का विमोचन
लखनऊ। केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) द्वारा वार्षिक दिवस समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी संस्थापक, हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन, देहरादून, उत्तराखंड ने अपने विशेष व्याख्यान मे बताया कि किसान औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन तक ही सीमित न रहे उन्हें औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पाद मे वैल्यू एडिशन किया जाना चाहिए।
इस पर सीएसआईआर-सीमैप द्वारा किसानों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। जिससे किसान वैल्यू एड्ड कर अपना उद्योग लगा सके, तथा किसान अधिक से अधिक लाभ कमा सकें। डॉ जोशी ने अपने वक्तव्य मे यह भी कहा कि जीडीपी के साथ-साथ पर्यावरण व एकोलोजी सिस्टम को भी ध्यान मे रखना चाहिए ताकि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके। उन्होने सीएसआईआर-सीमैप को लोक किसान संस्थान का भी दर्जा दिया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप मे पधारे डॉ जीएन सिंह, सलाहकार, मुख्यमंत्री व पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अपने सम्बोधन मे कहा कि शोध के परिणामों को व्यावसायिक उत्पाद मे परिणति करना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमे सभी की भागीदारी आवश्यक होती है। समय की मांग है कि वैज्ञानिक और उद्योग, सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए मिलकर कार्य किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिकों की खोज आम जनता के हितार्थ जनमानस तक पहुंचनी चाहिए।
अवनीश कुमार अवस्थी (सेवानिवृत्त आईएएस) एवं प्रशासनिक सलाहकार मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश विशिष्ट अतिथि ने किसानों के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रसंशा की। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक संस्था ऐसी होनी चाहिए जो किसानों एवं उद्यमियों के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के दिशा मे काम कर रहा है।
निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने स्वागत किया एवं संस्थान द्वारा विगत वर्ष अर्जित शोध उपलब्धियों से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि सीमैप के वैज्ञानिकों द्वारा देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से दूरस्थ क्षेत्रों में औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों व उन्नत प्रजातियों को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस दिशा मे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा एरोमा मिशन चलाया जा रहा है।
जिसके अंतर्गत एरोमा क्लस्टर विकसित कर आदिवासी व दूर-दराज के किसानों को प्रशिक्षित औस फसलों के उत्पादन मे प्रशिक्षित किया जाए ताकि उनकी आर्थित स्थित सुधारी जा सके। डॉ त्रिवेदी ने बताया कि सीमैप द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियां प्रयोगशाला से निकल कर लोगों तक पहुँच रही हैं। सीएसआईआर-सीमैप के वार्षिक दिवस के अवसर पर पधारे मुख्य व विशिष्ट अतिथियों द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन किया गया।
रिपोर्ट-देवेन्द्र मिश्र