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जल्द इलाज से पूर्णतया: ठीक हो सकता है कुष्ठ रोग – डॉ. शिशिर पुरी

  • स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान कल से
  • 13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान
  • जनपद में वर्तमान में 62 कुष्ठरोगियों का चल रहा इलाज

औरैया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रति वर्ष 30 जनवरी विश्व कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। कुष्ठ रोग के बारे में लोग जाने और मिथकों को छोड़ समय रहते उसका उपचार कर सकें, इसलिए सरकार की ओर से 2017 में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया। आम जनता में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये जनपद में कल से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। जिलाधिकारी के संदेश के साथ कार्यक्रम का आगाज़ किया जाएगा। यह कहना है जिला कुष्ठरोग अधिकारी डॉ शिशिर पुरी का।

जिला कुष्ठरोग अधिकारी ने बताया समाज में आज भी कुष्ठरोग एवं रोगियों को स्वीकारा नहीं जाता हैI यही कारण है की व्यक्ति अपनी इस बीमारी को समाज से छुपता है जो कि जांच और इलाज में भी देरी का कारण बनती हैI यह रोग कोई कलंक नहीं है, बल्कि दीर्घकालीन संक्रामक रोग है, जो माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है। यह हाथ-पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की म्यूकोसा और श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। यदि कुष्ठ रोग की पहचान और उपचार शीघ्र न हो तो यह स्थाई विकलांगता का कारण बन जाता है।

डॉ पुरी ने बताया कि अभियान के दौरान शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में चित्रकारी व स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का क्रियान्वयन ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ताके साथ-साथ ग्राम सेवकों, स्कूल अध्यापकों,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों,उप केन्द्रों के स्टाफ के द्वारा सक्रिय सहभागिता के साथ जाएगा। साथ ही बताया कि जागरूकता के अभाव में समाज में कुष्ठ रोग के प्रति कलंक व भेदभाव के चलते कुष्ठ रोग के प्रति गलतफहमी है। इसी को दूर करने के उद्देश्य से पांच वर्षों के दौरान स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इस वर्ष भी कुष्ठ रोग निवारण दिवस के मौके पर ग्राम सभा स्तर तक कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में इस समय62 कुष्ठ रोगियों का इलाज किया जा रहा है ।इसके अलावा अप्रैल 2021 से अब तक 83 कुष्ठ पीड़ित मरीजों को सही किया गया है।

डीएम के संदेश के साथ अभियान का होगा आगाज़

जिला कुष्ठरोग परामर्शदाता डॉ विशाल अग्निहोत्री ने बताया कि 30 जनवरी को जिलाधिकारी, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, खंड विकास अधिकारी और ग्राम सभा प्रमुख कुष्ठ रोग के निवारण की शपथ लेंगे और कुष्ठ रोगी से भेदभाव न करने की शपथ लेंगे-“हम जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुष्ठ रोग को पहचानना बहुत आसान है और यह साध्य है। हम सभी कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

कुष्ठ रोग दो तरह का होता है-

पोसीवेस्लरी कुष्ठ रोग – शरीर पर 5 या उससे कम दाग हों तो उसे इस श्रेणी में डाला जाता है। इस रोग में इन्फेक्शन कम होता है और इसका इलाज 6 माह में पूरा हो जाता है।

मल्टीवेस्लरी कुष्ठ रोग – शरीर पर 5 से अधिक धब्बे होने पर उसे इस श्रेणी में रखा जाता है। यह नस को भी प्रभावित करता है, जिससे नस में मोटापन या कड़ापन आता है। इसका इलाज 12 माह चलता है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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