Breaking News

वैज्ञानिक और इफको अधिकारियों ने किसानों को बताए नैनो तरल यूरिया और डीएपी के फायदे

बाराबंकी। जितना काम 45 किलो की एक बोरी यूरिया करती है, उससे ज्यादा काम आधा लीटर नैनो तरल यूरिया करती है। किसानों को चाहिए पहले वो आधे खेत में नैनो तरल यूरिया और आधी दानेदार यूरिया डालें आप देखेंगे पैदावार उससे कहीं अधिक होगी। मेंथा की फसल पत्तियों वाली होती उसमें ये नैनो तरल यूरिया बहुत अच्छे रिजल्ट देगी। ये बातें वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक और इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) के अधिकारियों ने बाराबंकी के टांडपुर गांव में आयोजित किसान चौपाल में कही।  75% यूरिया हो जाता है बर्बाद, नैनो तरल यूरिया के कण सीधे पौधों में करते हैं प्रवेश- प्रो. केएन तिवारी

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान के एचओडी प्रो. केएन तिवारी ने कहा, दानेदार यूरिया जब किसान भाई आप इस्तेमाल करते हैं तो गेहूं-सरसों में उसका 40-50% हिस्सा ही पौधे इस्तेमाल करते हैं जबकि, धान में सिर्फ 25%-30% यूरिया का इस्तेमाल होता है। बाकी 75% बेकार चला जाता है या वो मिट्टी में चला जाता है या हवा में उड़ जाता है। लेकिन, नैनो तरल यूरिया के कण इतने छोटे होते हैं कि वो सीधे पत्तियों में प्रवेश कर जाते हैं। इससे उनका पूरा इस्तेमाल हो पाता है। नैनो तरल यूरिया के इस्तेमाल करने से फसल की गुणवत्ता अच्छी होती है। उत्पादन ज्यादा होता है। प्रो. तिवारी ने कहा कि बाराबंकी में मेँथा की खेती बड़े पैमाने पर होती है। मेंथा की फसल पत्तियों वाली होती है, नैनो तरल यूरिया पत्तियों पर बहुत अच्छा असर करती है। अगर किसान नैनो तरल यूरिया और सल्फर का सही इस्तेमाल करें तो तेल का ज्यादा उत्पादन मिल सकता है।

बाराबंकी के किसान प्रगतिशील, करते हैं खेती में आधुनिक पद्धतियों का इस्तेमाल- एसपी सिंह, इफको

इस दौरान टांडपुर गांव पहुंचे इफको के चीफ मैनेजर, उत्तर प्रदेश एसपी सिंह ने कहा कि बाराबंकी के किसान बहुत प्रगतिशील हैं। मैंने देखा है कि यहां के किसान खेती में आधुनिक पद्धतियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह किसान जब नैनो तरल यूरिया का प्रयोग करेंगे तो उन्हें और फायदा मिलेगा। नैनो तरल यूरिया इफको के सभी केंद्रों पर आसानी से उपलब्ध है। उसे पानी में मिलाकर आसानी से पत्तियों के ऊपर छिड़काव किया जा सकता है।

अगर यूरिया की बोरी खरीदने पर रसीद ज़रूर लें क्योंकि एक बोरी पर होता है रु 4000 का बीमा  

गांव पहुंचे अधिकारियों का स्वागत करते हुए प्रगतिशील किसान रामसागर शुक्ला ने कहा कि हम किसानों के लिए गर्व की बात है कि इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिक हमारे घर और खेत में आकर हमें अच्छे तरीके से खेती के फायदे बता रहे हैं। हमने अपने एक एकड़ नैनो तरल यूरिया का प्रयोग किया है। इस मौक़े पर इफको के अधिकारियों ने किसानों को ये भी बताया जब कहीं से यूरिया की बोरी खरीदें, तो रसीद जरुर लें क्योंकि एक बोरी यूरिया पर किसान का 4000 का बीमा होता है। यह बीमा एक साल तक चलता है। अगर किसान साल में 25 बोरी यूरिया खरीदता है तो उसका एक लाख का बीमा हो जाता है।

किसानों को नैनो डीएपी के बताए फाएदे, महिलाओं को बाँटे कंबल 

टांडपुर के प्रगतिशील किसान राम सांवले शुक्ला के खेतों पर पहुंचे इफको के अधिकारियों ने, किसानों को नैनो तरल यूरिया और जल्द मार्केट में आने वाली नैनो डीएपी के फायदे गिनाए। इस दौरान, टांडपुर में संचालित किसान ट्रेनिंग सेंटर की तरफ से गरीब महिला किसानों को कंबल भी वितरित किए। ये आयोजन इफको और किसान ग्रामीणों के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था फैमिली फार्मर फाउंडेशन की तरफ से आयोजित किया गया था। इस दौरान किसान राम सांवले शुक्ला, नरेंद्र त्रिपाठी, अभय राज सिंह, नरेंद्र शुक्ला, कौशल किशोर शुक्ला, शैलेंद्र, शिवम सिंह, सुबेदार, जयकरण, मेघराज सिंह, वीरेंद्र सिंह समेत दो गांवों के किसान मौजूद रहे।

About reporter

Check Also

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी लोकसभा प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के समर्थन में किया रोड शो

• अपने खास अंदाज से जायस निवासियों पर किशोरी लाल शर्मा को जिताने की अनोखी ...