नवरात्र मुबारक
नवरात्र की पावन बेला है आई
आशा का मन में है दीप जलाई
देखो रे देखो रे भक्तों
माता रानी है आई माता रानी है आई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
पहले पहल मां शैलपुत्री आई
प्रजापति दक्ष की सुता कहलाई
वृषभ को वाहन अपना बनाकर
कृपा अपनी बरसाने आई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
दूजे दिवस ब्रह्मचारिणी आई
दुर्गा का सुंदर मां रूप सजाई
दुखहर्ता सुखदात्री माता
मैं मूढ़ तेरे चरणों में आई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
मां चंद्रघंटा ने छटा बिखराई
स्वर्ण सी मां ने काया है पाई
खड़ग और बाण को हाथों में लेकर
सिंह पर सवार देखो माता है आई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
चौथे दिवस मां कूष्मांडा आई
कुम्हड़े की बलि मां को खूब है भाई
बनकर शिव की प्राणप्रिये मां
सुख वैभव सब साथ में लाई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
पद्मासना की संज्ञा है पाई
कार्तिकेय की है मां कहलाई
गौरी सा गौरव पाकर देखो
पंचम दिवस स्कंदमाता है आई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
कात्यायनी कभी तो कालरात्रि कहायी
भैरवी दुर्गा मां नाम है पाई
मुझ भक्तन ने करबद्ध होकर अब
मां चरणों में शीश नवाई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
आँठवे दिन महागौरी जी आई
श्वेतांबरा भी मां कहलाई
डमरू लेकर बाएं हाथ में
दुष्टों पर संकट मां है लाई
नवरात्र की पावन बेला है आई…
मनोरथ सब पूरे करने आई
मां सिद्धिदात्री सबके उर में समाई
नवदुर्गाओं में अंतिम माता
शिवजी ने इनसे ही कृपा थी पाई
नवरात्र की पावन बेला है आई…