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आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं की हुई गोद भराई की रस्म

  • पोषण पोटली गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य मां पर निर्भर

  • छह माह तक सिर्फ मां का दूध फिर माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार का महत्व बताया

  • Published by- @MrAnshulGaurav
  • Tuesday, May 24, 2022

औरैया। गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य उसकी माता के खानपान व पोषण पर निर्भर करता है। इसी पोषण की महत्ता के प्रति जागरूकता के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए मंगलवार को जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों व गर्भवती के घर जाकर गोदभराई की रस्म अदा की गई।

आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं की हुई गोद भराई की रस्म

ब्लॉक अछल्दा की ग्राम पंचायत औतों में पोषण अभियान के अंतर्गत गोद भराई उत्सव का आयोजन हुआ। गर्भवती को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर मंगल गीत के साथ गोद भराई की गई। छह माह तक नवजात शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया गया।

गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के लिए इस मौके पर महिलाओं को पोषण की जानकारी दी गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने गांव की गर्भवती महिला की गोदभराई की रस्म पूरी की। रंगोली सजाकर गर्भवती को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है। पोटली में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि था।

आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता सुमन चतुर्वेदी ने कहा कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पीला गाढ़ा दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधिक क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि गर्भवती, किशोरियां व बच्चो में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है।

गर्भवती को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खाना चाहिए। 10 से 19 साल की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए द्य छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सिरप देना चाहिए।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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