जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तीन साल बाद कश्मीर के गुज्जर मुस्लिम समुदाय से आने वाले गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है।जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं। ऐसे में वहां के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने यह दांव चला है।
गुलाम अली खटाना गुर्जर मुसलमान हैं। इस जाति के ज्यादातर लोग जम्मू कश्मीर में भेड़ और बकरियां पालते हैं। गुर्जर की तरह ही बकरवाल मुसलमान भी होते हैं। इन दोनों ही जातियों में गुलाम अली खटाना की अच्छी पैठ है।
गुलाम अली खटाना के राज्यसभा के लिए मनोनीत होने की खबर जारी होने के बाद भाजपा के बड़े नेताओं ने उनको बधाई दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला है।
2011 की जनगणना के आधार पर गुर्जर और बकरवाल मुसलमान जम्मू कश्मीर की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। राज्य की कुल आबादी का 11.9 फीसदी हिस्सा इन्हीं का है। इन दोनों जातियों के ज्यादातर लोग पहाड़ों पर रहते हैं। जिन्हें अब तक राजनीतिक दल केवल वोट के लिए ही याद करते थे।’