कानपुर में पूर्व डीजीपी राघवेंद्र अवस्थी को एक हफ्ते के अंदर बीआईसी के तीनों बंगले खाली करने होंगे। तीन करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। कोर्ट ने सोमवार को अपील खारिज करते हुए यह आदेश दिए। रकम न देने पर प्रशासन को वसूली के आदेश भी दिए।
जिला जज संदीप जैन ने दलीलें सुनने के बाद #राघवेंद्र की अपील खारिज कर दी। अदालत ने आदेश दिया है कि मेघालय के पूर्व डीजीपी को एक हफ्ते के अंदर बीआईसी बंगलों को खाली कर वापस देना होगा। कंपनी को भूराजस्व के रूप में विधि अनुसार प्रति माह की दर से क्षतिपूर्ति ब्याज समेत देनी होगी। यह वसूली डीएम की मदद से की जाएगी।
बीआईसी के तत्कालीन इस्टेट ऑफिसर व जीएम मनोज वर्मा ने 1 करोड़ 27 लाख 77 हजार 400 रुपये की क्षतिपूर्ति के साथ बंगला खाली करने का आदेश दिया था। राघवेंद्र ने इसके खिलाफ जिला जज कोर्ट में अपील की थी।
अब इस रकम के अलावा पूर्व डीजीपी को 11 जून 2011 से 4 फरवरी 2020 की अवधि तक 94000 और 25975 रुपये प्रतिमाह की दर से 15 दिन के अंदर पूरी रकम देनी होगी। ये धनराशि करीब 1.5 करोड़ रुपये है। न देने पर 10 फीसदी सालाना ब्याज के साथ भू राजस्व के रूप में डीएम के जरिए वसूली की जाएगी।
सीनियर एडवाइजर बीआईसी, पवन तिवारी ने कहा कि बंगलों की कीमत लगभग 350 करोड़ रुपये है। न्यायाधीश ने पूर्व आदेश के आधार पर राजस्व वसूली ब्याज के साथ करने का आदेश दिया है। यह धनराशि तीन करोड़ रुपये से अधिक होगी।
बीआईसी के अधिवक्ता पवन तिवारी के मुताबिक राघवेंद्र अवस्थी वर्ष 2006 में डेपुटेशन पर बीआईसी के चीफ विजिलेंस अफसर थे। उन्होंने 10/470 खलासी लाइन परिसर के दो बंगले व 6/29, पार्वती बागला रोड स्थित एक बंगले पर कब्जा किया। 11 अप्रैल 2011 में पदमुक्त के बाद भी बंगले खाली नहीं किए गए।