लखनऊ। सीएमएस गोमती नगर में पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय पं केसरी नाथ त्रिपाठी की स्मृतियां एवं संस्मरण के लिए श्रद्धांजलि सभा आहूत की गई. श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास एवं अधिवक्ता परिषद के द्वारा संयुक्त तत्वाधान में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया न्यास के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया और अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारी रहे।
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उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी एक कुशल राजनेता विधि विशेषज्ञ और मृदुभाषी सहयोगी थे। उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोगों और उत्तर प्रदेश की सरकार की ओर से हम श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। पंडित जी ने गरीबों की लड़ाई लड़ी और वंचितों की मदद करने के लिए तत्पर रहें।
डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि केसरीनाथ जी गहन विषयों पर भी काव्य रचना की अद्भुत क्षमता थी। उनकी सरलता का जिक्र करते हुए बताया कि जब वह बंगाल के राज्यपाल थे तो उस समय कोलकाता प्रवास के दौरान उन्होंने बुलाकर गेट पर खड़े होकर एक सामान्य कार्यकर्ता का स्वागत किया वह एक जिंदादिल इंसान थे अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन फिजी, और अमेरिका में ले जाने के लिए हमें कई बार याद किए उनका आत्म तत्व तो हमेशा गतिमान रहेगा।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिसता आम आदमी
महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे 3 राज्यों के राज्यपाल, 3 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तथा पांच बार विधायक रहे, उनके प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल में मैं पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष रही, मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला यह मेरे सौभाग्य की बात है। वे कार्यकर्ताओं और जनमानस के लिए सहज, सुलभ राजनेता थे। उनकी सरलता के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। उनका जीवनकाल 10 नवंबर 1934 से 8 जनवरी 2023 तक रहा, लेकिन उनके बताए आदर्शों से हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहेगा। वह पार्टी के संकटमोचक थे। वह विधि के जानकारी और विधवता के कारण संकट के समय मे पार्टी के संकटों को दूर करने जी जिम्मेदारी निभाते थे। समय समय पार्टी को संकट को उबरने में अपनी भूमिका निभाते थे, इस नाते से पार्टी के संकटमोचक कहलाते थे।
न्यास के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया द्वारा बताया गया कि अस्वस्थ होने पर भी विशेष अनुरोध पर श्रद्धेय कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु प्रयागराज से लखनऊ पधारे थे मंच से भाषण ना देकर चलकर डाइस पर जाकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे। पंडित जी एक महान नेता थे, न्यास हमेशा राष्ट्र, समाज के पुरोधा महापुरुषों को विशिष्ट कार्यक्रमों के माध्यम से याद करता रहेगा और उनके संस्मरण जन जन तक पहुंचाने के लिए न्यास प्रतिबद्ध है।