योगी आदित्यनाथ सरकार अनेक अवसरों को विकास से जोड़ने के प्रति सजग रही है। उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस भी उसके लिए ऐसा ही अवसर है। पिछले वर्षों की तरह योगी ने इस बार भी नई योजना शुरू की। पहले उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस की कोई व्यापक चर्चा नहीं होती थी। इस ओर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक का ध्यान गया। उनका कहना था कि महाराष्ट्र अपनी स्थापना दिवस को प्रतिवर्ष समारोह पूर्वक मनाता है। इतना ही नहीं मुम्बई में चौबीस जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस का भी आयोजन होता है।पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को उत्तर प्रदेश दिवस आयोजित करने का सुझाव सपा सरकार को दिया था। लेकिन उसने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने इस ओर ध्यान दिया। उन्होंने चौबीस जनवरी को न केवल उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का निर्णय किया, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश के विकास से जोड़ दिया। विश्वकर्मा पुरष्कार की यही प्रतिध्वनि थी। धीरे धीरे इसका विस्तार पूरे प्रदेश में किया गया। लखनऊ में सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश दिवस का भव्य आयोजन किया गया।उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर कई योजनाओं एवं परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। यह मंसूबा व्यक्त किया गया कि उत्तर प्रदेश सर्वाेत्तम प्रदेश बनने की राह पर चल रहा है।
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हर वर्ग के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़कर आगे बढ़ाने का कार्य किया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना सरकार की अच्छी पहल है, इसे आगे बढ़ाने के लिए सभी को अपना सहयोग करना चाहिए। स्थापना दिवस के अवसर पर पूर्व में संचालित योजनाओं का सिंहावलोकन का समय है। इसके अलावा यह अब तक की सफलता को ध्यान में रखकर भावी नीति निर्धारण का अवसर होता है. योगी सरकार कर कार्यकाल में अनेक विशाल और सफल आयोजन हुए। अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पिछला कुम्भ इलाहाबाद में नहीं प्रयागराज में हुआ। फैजाबाद का भी नाम अयोध्या किया गया है। इन्वेस्टर्स समिट में साढ़े चार लाख के निवेश प्रसत्ताव आये। इनमें से करीब आधे का शिलान्यास भी हो चुका। सत्तर वर्ष में तीसरी बार उत्तर प्रदेश दिवस का शासकीय स्तर पर आयोजन किया गया।
प्रदेश का निर्यात बढ़ा है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में गत वर्ष एक जिला एक उत्पाद योजना की शुरूआत हुई थी।जिसके अंतर्गत परम्परागत उद्योगों को जोड़ा गया है।पांच वर्ष में इस योजना के तहत बीस लाख लोगों को रोजी रोटी से जोड़ा जा सकता है। पर्यटन और स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश का अग्रणी स्थान है। टीम भावना,सामूहिकता और उचित वातावरण से प्रदेश आगे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा,चिकित्सा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। कार्यक्रम में लोक संस्कृति से जुड़े कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके माध्यम से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की कला को दर्शाया गया। योगी ने उत्तर प्रदेश की महान विरासत का उल्लेख किया। स्वतंत्रता आंदोलन में प्रदेश ने उल्लेखनीय योगदान दिया। यहां से सर्वाधिक प्रधानमंत्री हुए। प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है और उद्यमियों को अब यहां निवेश करने में भय नहीं लगता है। स्थापना दिवस मनाना गौरव की बात है। सरकार अपने प्रदेश की खेल विभूतियों को सम्मानित किया गया। पुरुष खिलाडिय़ों को लक्ष्मण और महिला खिलाडिय़ों को लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया गया। उत्तर प्रदेश के सात उद्यमियों को सम्मानित किया गया।
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इन उद्यमियों ने प्रदेश में निवेश किया है। एक जिला, एक उत्पाद योजना देश की सबसे लोकप्रिय योजना है। विदेशों में प्रदेश के उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। योगी ने कहा कि यह अवसर सत्तर वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का भी है। तीन वर्ष पहले तक किसी को उत्तर प्रदेश के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं थी, क्योंकि उन्हें यहां की गौरवशाली परंपराओं और अतीत से कोई सरोकार नहीं था। जबकिअतीत को विस्मृत करके कोई समाज और राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता। अतीत की गौरवशाली परंपराएं आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। अतीत के अनुभव के आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाना आसान हो जाता है।उत्तर प्रदेश है जो लोकतंत्र की पहली आधारशिला रही है, यहां दुनिया की सबसे पवित्र नदी गंगा सबसे लंबी दूरी तय करती है। गंगा और यमुना का पवित्र संगम प्रयागराज है, जहां दुनिया की सबसे पुरातन नगरी काशी है। राम राज्य की अवधारणा देने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम व श्री कृष्ण ने अवतार लिया। इस इतिहास पर सभी को गर्व होना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर सभी अठारह कमिश्नरी में अटल आवासीय विद्यालयों का शु्भारंभ किया गया। इससे पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों व निराश्रित बच्चों हेतु भी आवासीय विद्यालय उपलब्ध होंगे।
विगत वर्ष से बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक लाख से अधिक बेटियों की शादियां कराई जा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के पहले स्थापना दिवस पर एक जिला एक उत्पाद ओडीओपी योजना लॉन्च की गई थी। यह योजना प्रदेश के निर्यात को तेजी से आगे बढ़ाने में कारगर साबित हुई है। जहां देश का निर्यात आठ प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वहीं उत्तर प्रदेश का निर्यात अट्ठाइस फीसद की दर से बढ़ा है। दूसरे स्थापना दिवस पर विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गई। तीसरे स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए आधारशिला रखी गईं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी सामाजिक,सांस्कृतिक, साहित्यिक चेतना के लिए भी जाना जाता है। यहां धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं है।प्रदेश सरकार ने कुशलता से विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बीच संतुलन स्थापित किया है।उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और प्रदेशवासियों को बधाई दी। राज्यपाल ने प्रदेश के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए गौरवशाली इतिहास को भी याद किया। उन्होंने कहा कि सच तो यह कि अगर उत्तर प्रदेश बढ़ेगा तो भारत बढ़ेगा। इस अवसर पर खिलाड़ियों, कारीगरों, शिल्पकारों को भी पुरस्कृत किया गया।
स्थापना दिवस पर मंगलवार को अवध शिल्प ग्राम में आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया। उन्होंने स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को देश के ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव की बात है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जननी भारत में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है। भारत में जन्म लेना कठिन है और मनुष्य के रूप में जन्म लेना सौभाग्य है। उसमें उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लेना अति सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का कोई कस्बा नहीं रहा जो आजादी की लड़ाई का केंद्र न बना हो। झांसी, मेरठ, गोरखपुर, चौराचौरी, लखनऊ के काकोरी इसके प्रमाण हैं। 2017 में सरकार बनी तो तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने स्मरण कराया कि सभी राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। क्या उत्तर प्रदेश भी अपना स्थापना दिवस आयोजित कर सकता है।
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2018 में पहली बार स्थापना दिवस मनाया गया। उस अवसर पर ओडीओपी योजना का शुभारम्भ किया। आज इस योजना ने निर्यात को दोगुना कर दिया है। जो उप्र दंगों और अपराधों के लिए जाना जाता रहा है, वह उप्र एक्सपोर्ट का हब बन गया है। निवेश एवं रोजगार के बेहतरीन गन्तव्य के रूप में स्थापित करने की रणनीति पर आधारित थीम पर कार्य किया जाएगा। लाखों करोड़ का निवेश होने जा रहा है। हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्हें नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हमें दुनियाभर से आने वाले निवेशकों का स्वागत करना होगा। जाति, मत, मजहब के विभाजन से उप्र का बड़ा नुकसान है। विभाजनकारी ताकतों को बेनकाब करना होगा, भ्रष्टाचार पर हमला करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के कर कमलों से फैमिली कार्ड का शुभारंभ किया गया है। इस कार्ड के माध्यम से यह पता चल सकेगा कि कौन परिवार सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं और किन्हें नहीं मिल रहा है। ओडीओपी की छह लाभार्थीपरक छह आनलाइन योजनाओं का शुभारंभ हुआ है।
उत्तर प्रदेश दिवस पर एमएसएमई के छोटे-छोटे उद्यमियों, कारीगरों, शिल्पियों के साथ प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वाले पदक विजेता खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत किया गया। खिलाड़ियों में शूटिंग के क्षेत्र में दीपेन्द्र लक्ष्मण पुरस्कार, हॉकी के क्षेत्र में राहुल सिंह और मो. आरिफ को लक्ष्मण पुरस्कार, ज्योति शुक्ला हैण्डबाल के क्षेत्र में पदक विजेता को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। कुश्ती के क्षेत्र में जनार्दन सिंह, जुडो के क्षेत्र में तरुणा शर्मा, राधेश्याम पुरस्कृत हुए हैं। आईएएस अफसर एवं जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर सुहास एलवाई को बैडमिंटन के क्षेत्र में पुरस्कार मिला है। सुहास एलवाई अर्जुन पुरस्कार से पुरस्कृत हैं।सुहास एलवाई ने कहा कि उप्र का सर्वोच्च लक्ष्मण पुरस्कार पाकर खुशी हो रही है। जनता का और मुख्यमंत्री का आभार। भगवान से प्रार्थना है कि मैं देश के लिए ऐसे ही कार्य करता रहूं। मैंने कभी बड़े सपने नहीं देखे। छोटे-छोटे सपने और एक-कदम आगे बढ़ते रहे। सिविल सेवा के साथ खेल की दुनिया में भी बड़ी उपलब्धि मिली है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री