“जाति मजहब अलग पर वतन एक है, और वतन के लिए एक हैं हम सभी”
बिधूना। कस्बा के गायत्री मंदिर में शुक्रवार को दोपहर बाद गायत्री परिवार के वरिष्ठ साधक प्रेम भाई शास्त्री के द्वारा नवोदित साहित्य परिषद बिधूना के तत्वावधान में सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में आये कवियों ने अपनी रचनाओें से सभी की वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां शारदे के पूजन अर्चन के पश्चात माँ वाणी की वंदना के साथ हुआ। इा मौके पर युवा कवि आरके शर्मा ने अपनी एक व्यंग्य रचना में कहा ‘‘अनुपम भक्ति की शक्ति मेरे देश में, आज राधे मां प्रकटी साधु के वेश में। गोष्ठी का संचालन कर रहे युवा कवि डाॅ श्याम नरेश दुबे ने देश प्रेम को समर्पित अपनी एक रचना में अपनी भावनाएं इस तरह व्यक्त की ‘‘जाति मजहब अलग पर वतन एक है और वतन के लिए एक हैं हम सभी।
वरिष्ठ कवि रणजीत सिंह सोलंकी साक्षी ने अपनी काव्य रचना में हिंदी कविता के महत्व को बताया। वरिष्ठ कवि कुंवर सिंह कुशवाह अपनी भावनाएं इस तरह व्यक्त की ‘‘मैं रहूं ना रहूं मेरी कविता रह’’। युवा शायर मोहम्मद अशरफ असर ने अपनी कविता में देश प्रेम की भावना व्यक्त की। वरिष्ठ कवि राम किशोर शुक्ला किशोर, युवा कवि अतुल दुबे, युवा कवि रानू पांडे ने राष्ट्रीयता को समर्पित रचना पढ़ीं। भारतीय जल सेना से सेवानिवृत्त अर्थशास्त्र के प्रवक्ता डाॅ प्रवीण कुमार झा ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा चलो नए भारत का निर्माण करे। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता रणजीत सिंह सोलंकी साक्षी तथा संचालन युवा कवि डाॅ श्याम नरेश दुबे द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक प्रेम भाई शास्त्री ने सभी आगंतुक कवियों का अंग वस्त्र पहनाकर माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा आभार व्यक्त किया। नवोदित साहित्य परिषद के अध्यक्ष डाॅ श्याम नरेश दुबे ने आयोजक एवं समस्त गायत्री परिवार का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा अब भविष्य में भी अनुग्रह बनाए रखने की अपेक्षा की।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन