यूपी की योगी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचे तो बदले बदले नजर आए। वह कुर्ता-पजामा और सदरी की जगह काली शेरवानी में पहुंचे।
महंत राजू दास का विवादित बयान, कहा- स्वरा भास्कर हजारों मर्दों के साथ…
अखिलेश के साथ ही उनके कई विधायक भी शेरवानी में विधानसभा पहुंचे। ज्यादातर ने काली ही शेरवानी पहनी थी। कुछ विधायकों ने सफेद और नीली भी शेरवानी पहन रखी थी। अचानक अखिलेश यादव और उनके विधायकों के ड्रेस बदलने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसका संकेत और संदेश समझने की कोशिश हो रही है।
सपा प्रमुख के साथ कई विधायकों का इस तरह से शेरवानी में आना आजम खान को सपोर्ट देने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देने की भी कोशिश मानी जा रही है। शेरवानी मुस्लिम समुदाय में सबसे लोकप्रिय ड्रेस है।
सपा में शामिल हो सकते है बसपा सांसद अफजाल अंसारी, शिवपाल यादव ने कहा दरवाजे खुले…
पिछले तीन दशक में इस बार पहला मौका है जब आजम खान या उनके परिवार का कोई सदस्य विधानसभा का सदस्य नहीं है। अदालत से अलग अलग मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद पिछले दिनों ही पहले आजम खान फिर उनके बेटे अब्दुल्ला की विधायकी चली गई।
आजम खान की सीट रामपुर पर तो चुनाव भी हो गया और बीजेपी ने सीट छीन ली है। अब्दुल्ला की सीट स्वार पर अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। शेरवानी को लेकर अखिलेश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब विपक्ष के पास कुछ नहीं तो कम से कम अच्छे कपड़े तो पहन ही सकते हैं।
हालांकि शेरवानी के पीछे आजम खान को लेकर योगी सरकार के रुख का विरोध माना जा रहा है। आजम खान ज्यादातर शेरवानी में ही नजर आते थे। अखिलेश से जब पूछा गया कि आज आप लोग आजम खान को सपोर्ट करने आए हैं? इस पर उन्होंने कहा कि हम लोग आज पहनकर आए हैं। वह तो हमेशा से पहनते आए हैं।