• बच्चों को उम्र के अनुसार सभी टीके समय से जरूर लगवाएं- सीएमओ
• पखवाड़े के बाद भी निरंतर चलेगा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम
• प्रथम चरण में 28,340 और दूसरे चरण में 46,537 बच्चे हुए प्रतिरक्षित
वाराणसी। जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए 13 मार्च से शुरू हुआ विशेष टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण 24 मार्च तक चलेगा। अभियान का पहला चरण 9 से 20 जनवरी तक चला था जिसमें 28,340 बच्चों को आच्छादित किया गया। दूसरे चरण (13 से 24 फरवरी) में 46,537 बच्चों को टीका लगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि विशेष टीकाकरण पखवाड़ा के तीसरे व अंतिम चरण में शत-प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है। सीएमओ ने अपील की है कि बच्चों को उम्र के अनुसार सभी टीके समय से जरूर लगवाएँ। टीकाकरण से ही बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है। सभी टीके पूरी तरह से सुरक्षित है।
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उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण को लेकर समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है और टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार को जागरूक कर उनके बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। इस पखवाड़े के बाद भी नियमित टीकाकरण कार्यक्रम निरंतर चलता रहेगा। बुधवार और शनिवार को टीकाकरण सत्र आयोजित कर गर्भवती और बच्चों को विभिन्न टीका लगाकर सुरक्षित किया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि पखवाड़े के दूसरे चरण में 3263 सत्र आयोजित हुए। इसमें करीब 10,146 महिलाओं का टीडी 1, टीडी 2 और टीडी बूस्टर टीका लगाया गया। इसके साथ ही 46,537 बच्चों को विभिन्न टीके लगाए गए। इसके अलावा एक साल तक के 17,077 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण और दो साल तक के 20,599 बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण किया गया। इस अभियान को सफल बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है।
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उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बताया कि बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है। यह टीके 11 विभिन्न गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो उसके अभिभावक आशा कार्यकर्ता और एएनएम से सम्पर्क कर छूटा हुआ टीका लगवा सकते हैं। इसी उद्देश्य विशेष टीकाकरण अभियान चल रहा है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीकाकरण) डॉ एके पाण्डेय और डॉ सुनील गुप्ता ने बताया कि बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। शिशु के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, ओपीवी, छठे हफ्ते पर बीओपीवी-1, पेंटावेलेंट-1, एफ़आई पीवी-1, रोटा-1, पीसीवी-1, 10वें सप्ताह पर बीओपीवी-2, पेंटावेलेंट-2 और रोटा-2, 14वें सप्ताह पर बीओपीवी-3, पेंटावालेंट-3, एफ़आईपीवी-2, रोटा-3 और पीसीवी-2, नौ से 12वें माह पर एमआर-1, पीसीवी बूस्टर, एफ़आईपीवी-3 व विटामिन-ए की पहला खुराक, इसके बाद 16 से 24 माह पर एमआर-2, डीपीटी बूस्टर 1, बीओपीवी बूस्टर और विटामिन-ए की दूसरी खुराक, 5 से 6 वर्ष पर डीपीटी बूस्टर 2 और 10 व 16 वर्ष पर टीडी का टीका लगता है।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता