Breaking News

उमेश पाल की मां और पत्‍नी ने अतीक-अशरफ के लिए मांगी ये सजा, बोली अगर जिंदा रहे तो…

मेश पाल अपहरण कांड में 17 साल बाद 28 मार्च को फैसला आना है। इस बीच उमेश पाल की पत्नी और मां ने इस कांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद के लिए सजा ए मौत मांगी है।

पीएम मोदी ने100वें एपिसोड के लिए मांगे सुझाव, “मन की बात” के 99वें कार्यक्रम हुए पूरे

उमेश पाल

दोनों का कहना है कि अतीक-अशरफ को मौत की सजा नहीं मिली तो परिवार को खतरा बना रहेगा। उमेश की पत्नी जया पाल ने कहा कि वह भी गवाह हैं। अगला नंबर उनका हो सकता है। अतीक की पत्नी ने कहा कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहती हैं।

बता दें कि 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड के फैसले के वक्त एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ अहमद को बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक अहमद ने साबरमती जेल से निकलते समय खुद की हत्या का डर जताया। अतीक के परिवार को भी उसके एनकाउंटर का डर सता रहा है।

इसी वजह से अतीक की बहन और उसकी दो महिला रिश्तेदार वकील के साथ अतीक के काफिले के साथ-साथ चल रही हैं। अतीक के वकील इस कार को चला रहे हैं। उधर, बरेली जेल से निकलने से पहले अशरफ के वकीलों ने भी वहां पहुंचकर जेल प्रशासन को अदालत का आदेश रिसीव कराया। उनके मुताबिक कोर्ट ने अशरफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

बता दें कि 24 फरवरी को प्रयागराज शूटआउट में उमेश पाल की सनसनीखेज हत्या कर दी गई थी। उमेश, विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे। आरोप है कि उमेश से गवाही बदलवाने के अतीक ने उसे किडनैप कराकर अपने दफ्तर में टार्चर कराया था। इसी मामले में 17 साल बाद 28 अप्रैल को अदालत का फैसला आने वाला है। इस मामले में जो धाराएं लगी हैं वे बेहद संगीन हैं। इसमें सबसे बड़ी धारा 364 ए है। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाबचंद अग्रहरी ने बताया कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।

उधर, प्रयागराज में एक निजी चैनल से बात करते हुए उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार और अदालत पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अतीक और अशरफ को फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इनका आतंक खत्म नहीं होगा। ये आगे भी ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे।

About News Room lko

Check Also

लखनऊ में छावनी स्थित लेफ्टिनेंट पुनीत दत्त सभागार में धूमधाम से मनाया गया एनसीसी का स्थापना दिवस

• एनसीसी की स्थापना वर्ष 1948 में “एकता और अनुशासन” के आदर्श वाक्य के साथ ...