लखनऊ केजीएमयू में दो और डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। इसमें जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. अरशद अहमद व गेस्ट्रो मेडिसिन विभाग के बांड के तहत तैनात डॉ. अंकुर शामिल हैं। डॉक्टरों के इस्तीफे से मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
डॉक्टरों के जाने से केजीएमयू को तगड़ा झटका लग रहा है। मरीजों को भी खासी परेशानी हो रही है। डॉक्टरों की कमी से मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ये इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है।
समय पर समुचित इलाज न मिलने से मर्ज के गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है।केजीएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. केके सिंह का कहना है कि करीब 500 डॉक्टर है। लगभग 100 पद खाली हैं। इनकी भर्ती प्रक्रिया की चल रही है। डॉक्टरों के जाने से संस्थान को बड़ा नुकसान होता है। इसकी भरपाई संभव नहीं है। गैस्ट्रो सर्जरी, जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलोजी अहम विभाग हैं।
जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. अरशद अहमद को पाइल्स, फिशर समेत दूसरी गंभीर बीमारियों के इलाज में महरथ हासिल है। प्रत्येक ओपीडी में 250 से 300 मरीज देखते हैं। वर्ष 2024 तक ऑपरेशन की वेटिंग है। डॉ. अरशद के पास देश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। यही नहीं विदेश से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं।
रात आठ से नौ बजे तक ओपीडी व ऑपरेशन की प्रक्रिया चलती है। डॉ. अरशद ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि डॉ. अरशद ने केजीएमयू छोड़ने की कोई ठोस वजह नहीं बताई है। व्यक्तिगत कारणों से केजीएमयू छोड़ने की बात कही है। इसी प्रकार गेस्ट्रो मेडिसिन विभाग में बांड के तहत तैनात डॉ. अंकुर की पीजीआई में नियमित तैनाती हो गई है। लिहाजा उन्होंने केजीएमयू को छोड़ दिया है।