कानपुर। जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अब संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच व उपचार के साथ बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण (vaccination) कार्यक्रम में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इसी उद्देश्य से मंगलवार को सिविललाइन्स स्थित एक होटल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन (Dr. Alok Ranjan) के निर्देशन में सीएचओ का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हुआ। जिसमें 50 सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, इसलिए सभी टीकाकरण के बारे में अच्छी तरह से जान लें। उन्होंने बताया कि बच्चों को टीका कब कब लगाया जाना है, इसके लिए टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखना है।
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इस कार्ड में टीकाकरण के बारे में जानकारी लिखी होती है,साथ ही जो टीका लगाया जा चुका है,उसकी भी एंट्री की जाती है। टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को देखने के लिए लाभार्थी केंद्र पर 30 मिनट का इंतज़ार करे, इसके बाद ही घर वापस जाए,इसके बारे में विस्तार से बताया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके कन्नौजिया ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों पर सीएचओ को सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। इसलिए सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ के एसएमओ को करें।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के सब रीजनल टीम लीडर डॉ बीएस चंदेल ने नियमित टीकाकरण का महत्व बताते हुए कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से प्रतिरक्षित है तो उसे बीमारी जल्दी नहीं पकड़ेगी। उन्होंने गर्भावस्था से लेकर पांच साल तक के टीकाकरण के समय अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहां टीका लगाया जाना है और किस मात्रा में लगाया जाना है, इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीडी, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी, पोलियो, पेंटा, रोटा,एफआईपीवी, पीसीवी, खसरा, विटामिन ए, डीपीटी जैसे टीके लगाए जाते हैं। इनके बारे में अनिवार्य रुप से जानकारी कर लें। उन्होंने बताया कि इस तरह का पहले चरण का प्रशिक्षण मार्च में हो चुका है।
प्रशिक्षण पाने वाली कल्याणपुर की सीएचओ ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छी जानकारी मिली है। टीकाकरण का समय के बारे में अपडेट हुए हैं। प्रशिक्षण में उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जसबीर सिंह, सहायक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी प्रखर सक्सेना, यूनिसेफ से फूजैल सिद्दीकी सहित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहें।
रिपोर्ट- शिव प्रताप सिंह सेंगर