सिख अलगाववादी नेता और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आज 35 दिन के बाद अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हो गया।
पंजाब में पिछले कुछ महीनों से लॉ एंड ऑर्डर को तोड़ने की कुछ गैर सामाजिक तत्व कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैसे ही इसकी सूचना मिली हमने ऐक्शन लिया। 18 मार्च को कुछ लोग पकड़े गए और कुछ लोग उस दिन नहीं पकड़े गए। सीएम मान ने कहा कि चाहते तो उस दिन पकड़ सकते थे, लेकिन हम नहीं चाहते थे कि उस दिन कोई खून खराबा हो, कोई गोली चले। मान ने आगे कहा कि हम किसी बेकसूर को तंग नहीं करेंगे। हमें कोई एजेंडा पॉलिटिक्स नहीं करनी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं साढ़े तीन करोड़ पंजाबियों का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इन 35 दिनों में अमन-चैन और आपसी भाईचारे को बनाकर रखा। उन्होंने कहा कि इस दौरान पंजाब की सोशल बांडिंग में किसी तरह की समस्या नहीं आई। आगे भी ऐसी कोई बात होने नहीं दी जाएगी।
भगवंत मान ने आगे कहा कि इससे पहले भी कोशिशें हुई थीं कि पंजाब की अमन शांति को भंग किया जाए। भाईचारे की शान को तोड़ा जाए, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने आगे कहा कि देश को आजाद कराने में 90 फीसदी कुर्बानी पंजाबियों ने दी है। देश को सुरक्षित रखने के लिए भी हमारे जवान देश की सरहदों पर सीना तानकर खड़े हैं।
मान ने कहा कि हम चाहते तो 18 मार्च को ही इन्हें गिरफ्तार कर सकते थे, लेकिन हम खूनखराबे से बचना चाहते थे। जो-जो लोग देश की अमन शांति या कानून को तोड़ने की कोशिश करेंगे। उन पर कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि सुबह खबर आई थी कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर कर दिया है। हालांकि बाद में पंजाब पुलिस ने कहा कि उसे गिरफ्तार किया गया है।