औरैया। डेंगू (Dengue) मरीज की पहचान न होने और समय से इलाज न होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों को भी चाहिए कि अगर डेंगू का लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर निःशुल्क जांच कराएं और इलाज शुरू करवा दें। पूरे बाजू के कपड़े पहनने, मच्छर अगरबत्ती व मच्छरदानी का प्रयोग करने, कहीं भी साफ पानी का ठहराव न होने देने, साफ पानी के ठहराव वाले घरेलू व सामुदायिक स्थानों की नियमित सफाई करने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाने जैसे पांच मत्रों को अगर लोग अपना लें तो डेंगू का प्रसार रुक जाएगा यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का।
सरकारी जांच और इलाज भरोसेमंद
ब्लाक अछल्दा की रहने वाली संतोषी माथुर (बदला हुआ नाम) की नौ वर्षीय बेटी मथुरा के फैमिली टूर से सितम्बर में लौटी तो घर आने के बाद ही उल्टी और बुखार आने लगा। परिवार ने पहले मेडिकल स्टोर से दवा लाकर देने की गलती की। रानी बताती हैं कि जब कोई फायदा नहीं हुआ तो एक निजी चिकत्सिक से दवा चलाया, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। स्थिति बिगड़ी तो जिला अस्पताल ले जाकर दिखाया और बच्ची को भर्ती करवा दिया। वहां अच्छी सुविधाएं मिलीं और बच्ची ठीक होकर घर लौट आई। बाद में सीएमओ कार्यालय से फोन आया और चार लोगों की टीम भी आई। टीम ने पूरे कॉलोनी की जांच की। किसी अन्य में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई। वह कहती हैं कि उन्हें सरकारी अस्पताल की जांच व इलाज पर पूरा भरोसा है।
एडीज प्रजाति के मच्छरों से होता है प्रसार
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि डेंगू का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खास एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से ही होता है। यह मच्छर सामान्यतया दिन में काटते हैं और ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपते हैं । सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव है। मधुमेह के मरीजों और गर्भवती को खासतौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
प्लेटलेट्स कम होने का एक मात्र कारण डेंगू नहीं
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित बुखार है। सिर्फ प्लेटलेट्स काउंट कम होने को ही डेंगू नहीं कह सकते,जब तक एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आये। उन्होंने बताया कि ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना। सिर, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना। आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी लगना,भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना। मुंह के स्वाद का खराब होना। गले में हल्का सा दर्द होना। शरीर में लाल ददोरे-रिश- का होना आदि डेंगू के लक्षण है।
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जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ सरफ़राज़ अहमद अंसारी का कहना दुनिया भर में मच्छरों की 2500 प्रजातियां हैं। अधिकतर संक्रामक बीमारियां इनके काटने से होती हैं। इनमें से डेंगू भी एक मच्छर जनित बीमारी है जो मादा एडीज मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के मच्छर साफ ठहरे हुए पानी में अंडे देते है और इनका विकास इतनी तेजी से होता है कि 7 दिन में लार्वा और मात्र 10 से 14 दिन में एक वयस्क मच्छर तैयार हो जाता है। पानी की खुली टंकियां, गमलें के नीचे रखी प्लेट, पशु पक्षी के पीने का पानी, छत पर रखे कबाड़ व पुराने टायर, फ्रिज के नीचे की ट्रे, टूटे बर्तन में जमा थोड़ा पानी भी इनके पनपने के लिए पर्याप्त होता है। उन्होंने कहा कि हर हफ्ते कूलर के पानी को खाली करके अच्छे से सुखा कर ही दूसरा पानी भरें इससे मच्छरनहीं पनपेंगे।
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यह भी जानें- डेंगू की गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरुक करना है। इस बार डेंगू दिवस की थीम ‘डेंगू को हराने के लिए साझेदारी का उपयोग करें’ रखी गई है।
औरैया जिले में डेंगू की स्थिति
वर्ष कुल केस
2018 37
2019 28
2021 244
2022 107
2023 1 (जनवरी 2023 से अब तक)
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर