नई दिल्ली। अमेरिका भारतीय Indian मुद्रा रुपये को निगरानी सूची से हटा सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिससे उसकी कुछ बड़ी चिंताएं दूर हुई हैं। अमेरिका उन देशों की मुद्राओं को निगरानी सूची में रखता है, जिनकी विदेशी विनिमय दर पर उसे शक है। अप्रैल में अमेरिका ने भारत के साथ चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड को निगरानी सूची में डाला था।
रिपोर्ट में Indian मुद्रा को
अमेरिकी वित्त विभाग ने जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में Indian भारतीय मुद्रा को इस सूची में बनाए रखा है। हालांकि उसने कहा कि यदि भारत उसी तरह की गतिविधियां जारी रखता है जो उसने पिछले छह महीने में की हैं तो अगली द्विवार्षिक रिपोर्ट में उसका नाम सूची से हटाया जा सकता है।
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की गतिविधियों में स्पष्ट रूप से बदलाव आया है। उसके केंद्रीय बैंक की जून तक विदेशी मुद्रा खरीद शुद्घ रूप से कम होकर चार अरब डॉलर रह गई। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.2 प्रतिशत के बराबर है। उसने कहा कि 2017 की तुलना में इसमें काफी बदलाव आया है।
इस दौरान पहली तीन तिमाहियों (सितंबर तक) में उसकी विदेशी मुद्रा की शुद्घ खरीद जीडीपी के दो प्रतिशत से अधिक थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के पहले छह महीने के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से निकासी की। पहले छह महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब सात प्रतिशत गिर गया है।