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शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर CM सोरेन की समीक्षा बैठक, कहा विद्यालयों में करे ऐसा…

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि सरकार ने जिस मकसद से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल खोले हैं, उसका सार्थक परिणाम सामने आना चाहिए। अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय-समय पर इन विद्यालयों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लें।

कहा कि विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करें और पठन-पाठन, रखरखाव और मिल रही सुविधाओं की जानकारी लें। अगर इसमें किसी भी प्रकार की खामी मिलती है तो उसके त्वरित निपटारे की व्यवस्था करें।

सीएम सोरेन ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस-टू स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने बच्चों की किताबों, यूनिफॉर्म और छात्रवृत्ति आदि वितरित करने का कैलेंडर बनाने, स्कूलों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने, राज्य स्तर के उत्कृष्ट विद्यालय, ब्लॉक स्तर पर बनने वाले उत्कृष्ट स्कूल, अल्पसंख्यक विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय आदि विषयों पर गति तेज करने को लेकर पदाधिकारियों को निर्देश दिए।

इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को सत्र शुरू होने के साथ ही किताबें व ड्रेस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि जिस तरह एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाता है, उसी तरह इसका भी कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए। इसमें बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं का लाभ देने की समय सीमा तय होनी चाहिए।

बैठक में पर्यावरण संरक्षण का भी मुद्दा उठा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी विद्यालयों के परिसर में पौधे लगाने का भी कार्य करें इसके लिए वन विभाग को भी अपने साथ जोड़ें इससे विद्यालयों में हरियाली बनी रहेगी।

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना किरण पासी, सुनील कुमार, नेहा अरोड़ा व कुमुद सहाय मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग राज्य के सबसे उत्कृष्ट विद्यालयों में से एक है। वहां का बोर्ड का परिणाम शुरू से शानदार रहा है। विद्यालय की बच्चियां हर वर्ष मैट्रिक बोर्ड की मेधा सूची में अपना नाम दर्ज कराती रही हैं। लेकिन, वर्तमान में वहां की पढ़ाई की गुणवत्ता कुछ वजह से प्रभावित होने की बात सामने आई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे विद्यालय में जाकर पूरी व्यवस्था का आकलन करें और जो भी खामियां हो उसे दूर करें, ताकि इस विद्यालय की उत्कृष्टता हमेशा की तरह बरकरार रहे और बच्चे आगे भी बेहतर करते रहे।

 

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