दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बीते दिनों हादसे में 6 लोगों की मौत के बाद रविवार को एक और हादसा हुआ। रिवर्स गियर में 2 किलोमीटर तक चलती कार ने बीटेक स्टूडेंट को रौंद दिया। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना गाजियाबाद के विजयनगर में नेशनल हाईवे 9 पर हुई। मृतक युवक की पहचान क्रॉसिंग रिपब्लिक के एसोटेक सोसायटी निवासी 21 वर्षीय कृष्णांशु चौधरी के रूप में हुई है। इससे पहले इसी एक्सप्रेसवे पर 8 किलोमीटर तक गलत साइड में दौड़ रही बस ने SUV कार को टक्कर मार दी थी जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में ये भी खुलासा हुआ था कि स्कूल बस का ड्राइवर नशे में धुत था।
पुलिस ने घटना के बारे में बताया कि कार, जो मेरठ की ओर जा रही थी, उसे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाना था, लेकिन वह एनएच-9 पर चढ़ गई। जब तक ड्राइवर को गलती का एहसास हुआ, वह लगभग 2 किमी का सफर तय कर चुका था। इसलिए, उसने कार को रिवर्स चलाना शुरू कर दिया। स्कूटी से जा रहा युवक तेज गति से उलटी दिशा में चल रही कार से टकरा गया। टक्कर के बाद कार ने युवक को रौंद दिया। और फिर ड्राइवर भाग गया। कृष्णांशु को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
NH-9 पर बाइक ले जाने पर कोई रोक नहीं है जबकि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बाइक ले जाना माना है। लेकिन वाहन किसी विशेष कैरिजवे पर रिवर्स नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें केवल एक ही दिशा में जाने की अनुमति है।
पुलिस ने कहा कि वे ड्राइवर का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। एनएच-9 के किनारे दुकानों और घरों पर लगे कैमरों के फुटेज पर भरोसा कर रहे हैं क्योंकि राजमार्ग पर ऐसा कोई कैमरा नहीं है। अज्ञात ड्राइवर के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
तीन महीने बाद, एनएचएआई अधिकारियों ने घोषणा की थी कि न केवल राजमार्ग पर बल्कि अंडरपास में भी 232 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पुलिस ने तब कहा था कि इस कदम से न केवल चालान जारी करने में मदद मिलेगी बल्कि अपराध पर भी अंकुश लगेगा। सोमवार को एनएचएआई के मैनेजर पुनीत खन्ना ने कहा कि अथॉरिटी के पास हाईवे पर कैमरे लगाने की कोई नीति नहीं है। ‘ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले साल सितंबर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को एक पत्र भेजा गया था। जिसमें एनएच पर कैमरों के लगाने की बात कही गई थी। उन्होंने गलत साइड ड्राइविंग पर अंकुश लगाने के लिए राजमार्ग और डीएमई पर स्पाइक्स लगाने का भी सुझाव दिया था।