बिधूना/औरैया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना में मंगलवार को विश्व स्तानपान सप्ताह का शुभारम्भ किया गया। विश्व स्तनपान सप्ताह एक अगस्त से बात अगस्त तक मनाया जायेगा। सीएचसी अधीक्षक ने कहा मां का दूध बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास के लिए कारगर है। यही नहीं मां का दूध ही मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग भी बढ़ाता है।
विश्व स्तनपान सप्ताह के शुभारंभ के मौके पर सीएचसी अधीक्षक डा अविचल पाण्डेय ने कहा कि आज कल महिलाओं में भ्रांतियां घर कर गई है, कि यदि उसने अपना दूध बच्चे को पिलाया तो उनका फिगर खराब हो जाएगा। जिस कारण महिलाएं अपने बच्चों को दूध पिलाने से बचती हैं।
👉सीमा गुलाम हैदर : पाक सिम और टूटा हुआ मोबाइल खोलेंगे राज
यही वजह है कि ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरूक करने के लिए वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की शुरुआत करनी पड़ी। अब ये जागरूकता सप्ताह 100 से ज्यादा देशों में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा अपने बच्चे को ममता, प्यार और पोषण भरी शुरुआत देना हर मां की जिम्मेदारी होती है।
वाकई मां का दूध बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास के लिए कारगर है। यही नहीं मां का दूध ही मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग भी बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि जो मां अपने बच्चों को दूध पिलाती है वो सुंदर, आकर्षक और हमेशा स्वस्थ रहती है। इसके अलावा भविष्य में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम हो जाती है। इसके साथ ही बच्चे को भी फायदा मिलता है। मां के दूध में हाई एंटीबायोटिक और दूसरे जरूरत के पदार्थ होते हैं। जो बच्चों में रजिस्टेंस पावर बढ़ाता है, और बच्चा बीमार नहीं होता। जो बच्चे मां का दूध पीते हैं, वो आगे जाकर बुद्धिमान और बलवान होते हैं।
👉18 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जायेगी पेट के कीड़े निकालने की दवा
नर्स मेंटर पदम सिंह ने माताओ को ब्रेस्टफीडिंग के बारे जागरूक किया। विडियो और डेमो के द्वारा ब्रेस्टफीडिंग के महत्व को समझाया एवं कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। अक्सर माताएं शिकायत करती कि दूध नहीं बनता बच्चे के लिए, ऐसे बहुत कम केस है, जिसमें मां के शरीर में दूध नहीं बनता। ऐसी माताओं को डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। बच्चों को कम से कम जन्म के करीब 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग की सलाह दी जाती है।
नर्स मेंटर ने कहा मदर मिल्क तीन तरह का होता है। शुरुआत में जो दूध आता है उसे फोरमिल्क कहते हैं। जिसमें अमीनो एसिड, प्रोटीन और विटामिन ज्यादा होते हैं। यह दूध बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए जरूरी होता है। मिड मिल्क में फैट और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। हाई मिल्क में कार्बोहाइड्रेट और शुगर ज्यादा होते हैं। इस मौके पर हेमलता, हेमवती, हिमांशू, योगेन्द्र चौहान, देवेन्द्र, राम किशोर, सिद्ध श्री व अमित कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट- संदीप राठौर चुनमुन