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दिल्ली में फिर कंझावला जैसा कांड, लुटेरों ने टैक्सी ड्राइवर को 200 मीटर तक घसीटा, हुई मौत

राजधानी दिल्ली एक बार फिर कंझावला जैसा कांड सामने आया है। घटना दक्षिण पश्चिम दिल्ली की है, जहां लुटेरों के एक गिरोह ने एक टैक्सी कार लूटने के दौरान 43 साल के ड्राइवर को 200 मीटर तक घसीटा, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

इस दिल दहला देने वाली वारदात का वीडियो वायरल होने पर हरकत में आई दिल्ली पुलिस जांच की बात कह रही है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, वीके नॉर्थ पुलिस स्टेशन को मंगलवार रात करीब 11.20 बजे एक कॉल मिली, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 8 की सर्विस रोड पर युवक का शव पड़े होने की सूचना दी गई थी। घटनास्थल पर एक अज्ञात पुरुष का शव मिला जिसके शरीर पर चोटों के निशान थे। मृतक की पहचान फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र के रूप में हुई है।

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि एक वायरल वीडियो में दिल्ली में एक व्यक्ति के शव को कार द्वारा घसीटते हुए दिखाया गया है। 10 अक्टूबर को एनएच8 के सर्विस रोड के पास एक अज्ञात पुरुष का शव मिला था, पुरुष के शरीर पर चोट के निशान भी थे। व्यक्ति की पहचान एक टैक्सी ड्राइवर के रूप में की गई, जो हरियाणा के फ़रीदाबाद में रहता था। आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस टीमें अपराधियों की पहचान करने के लिए इलाके में सीसीटीवी कैमरे स्कैन कर रही हैं।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, महिपालपुर क्षेत्र में टैक्सी चलाने के दौरान, बिजेंद्र को लुटेरों के एक गिरोह ने घेर लिया। ये लोग उसका वाहन लूटना चाहते थे। उसे वश में कर इन लोगों ने उसकी टैक्सी लेकर भागने का प्रयास किया। हमलावरों को विफल करने के ड्राइवर के साहसी प्रयास के दौरान, लुटेरों ने वाहन से ड्राइवर पर हमला कर दिया। इस दौरान ड्राइवर गाड़ी के नीचे आ गया, जिसे 200 मीटर से अधिक दूर तक लूटेरे घसीटते हुए ले गए। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण ड्राइवर बिजेंद्र की मौत हो गई।

बता दें कि 1 जनवरी 2023 को तड़के सुबह दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके के कंझावला में करीब 12 किमी तक एक कार द्वारा घसीटे जाने के कारण एक लड़की की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों- आशुतोष, अंकुश खन्ना, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। शुरुआत में आईपीसी की धारा 304-ए और 279 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में, पीड़ित परिवार के विरोध के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 304 और 120-बी भी जोड़ा था और फिर आईपीसी की धारा 201 भी जोड़ा था।

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