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तेल के बिना भी दोनों देशों का व्यापार 100 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य, इन सेक्टर्स में है संभावनाएं

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है। ये कहना है भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश का। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कपड़ा, आभूषण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। आर दिनेश ने कहा कि दोनों देशों के बीच मई 2022 में लागू हुए मुक्त व्यापार समझौते के चलते द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी हुई है।

क्या बोले सीआईआई अध्यक्ष
आर दिनेश वैश्विक निवेशकों के कार्यक्रम ‘इन्वेस्टोपिया’ और विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए आबु धाबी पहुंचे थे। आबु धाबी में मीडिया से बात करते हुए आर दिनेश ने कहा कि ‘भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गैर-तेल द्विपक्षीय व्यापार को साल 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य महत्वकांक्षी है,

लेकिन इस हासिल किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि ‘यह समझौता, जिसे आधिकारिक तौर पर ‘व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता’ कहा गया है, रत्न और आभूषण, कपड़ा और परिधान, चमड़ा, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और कई इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे सभी श्रम-गहन क्षेत्रों तक शुल्क मुक्त पहुंच उपलब्ध कराता है।’ वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 84.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। भारत अब यूएई का शीर्ष गैर-तेल व्यापार भागीदार है।

इन सेक्टर्स में बढ़ सकता है सहयोग
आर दिनेश ने कहा, ‘भारत का विशाल उपभोक्ता आधार और बढ़ती विनिर्माण क्षमता संयुक्त अरब अमीरात के उत्पादों के लिए इसे एक आकर्षक बाजार बनाती है। जबकि वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में यूएई की स्थिति भारतीय निर्यात को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करती है।

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