अयोध्या। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के श्रीराम शोध पीठ में भारतीय धर्म एवं संस्कृति में श्री राम विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल द्वारा किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत राजकुमार दास अधिकारी श्री राम वल्लभा कुंज धाम अयोध्या एवं मुख्य वक्ता आचार्य मिथिलेशनंदनी शरण श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर एवं हनुमत निवास अयोध्या एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजवंत राव दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर रहे। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह विभागाध्यक्ष इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग समन्वयक श्री राम शोधपीठ रहे।
कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्रा अंकिता एवं अंशिता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर राजेश सिंह इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि भगवान राम कण कण में विराजमान है, आदि मनु के प्रार्थना पर राम ने मनुष्य बनना स्वीकार किया। धर्म के विषय में बताया कि किसी भी पदार्थ को उसके स्वरूप में बनाए रखना ही धर्म है। संस्कृत के विषय में बताया कि जो प्रकृति मनुष्य को योग्य एवं भोग्य बनाने को संस्कृत कहते हैं।
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कार्यक्रम संयोजक अजय प्रताप सिंह ने कहा कि अयोध्या पुरी दुनिया का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पूरी दुनिया को ज्ञान अयोध्या की धरती से ही दिया जा रहा है। महंत राजकुमार दास ने भारतीय धर्म एवं संस्कृति के विषय में अपना विचार व्यक्त किया। प्रोफेसर राजवंत राव ने राम की ऐतिहासिकता के विषय में प्रकाश डाला और यह बताया कि राम का समय 1400 ईसा पूर्व से पहले का माना जा सकता है।
इस संदर्भ में उन्होंने ईरानी मित्ननी अभिलेख का जिक्र किया और ऋग्वेद जैसे प्राचीन साहित्य में राम का उल्लेख होने की बात कही उन्होंने कहा कि भगवान राम इक्षवाकु वंश के 61वीं पीढ़ी के रूप में होने का जिक्र किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रतिभा गोयल जी ने कहा कि रामचरितमानस की महत्ता के विषय में बताया और कहा कि ईश्वर को समझना बड़ा कठिन कार्य है।
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हरि अनंत हरि कथा अनंता कि के विषय में विस्तार से बताया उन्होंने कहा यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक से छात्र छात्राओं को विस्तार से अवगत कराया। कार्यक्रम में डॉ अवध नारायण, डॉ दिवाकर, डॉ दिलीप सिंह, डॉ सरोज, डॉ शालिनी, डॉ संदीप, डॉ अंकित, डॉ शैलेन, डॉ शिवांश कुमार, दिव्रत सिंह व विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकगण के साथ साथ बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह