• 90 वर्ष पूर्ति पर राम नाईक का अभिनंदन समारोह
अत्यंत सुलझा हुआ, सेवाभावी संघ प्रचारक, जनता का काम कैसे करें, उसे निर्णयात्मक स्थिति तक कैसे ले जाएं इसके प्रति पूर्ण संवेदनशील, विचारी व कर्मठ नेता याने राम नाईक इन शब्दों में लोकसभा की पूर्व अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक का उनके 90 वर्ष पूर्ति पर आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में गौरव किया।
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सुमित्राताई ने कहा, “स्वयं मैंने राम नाईक से कई बातें सीखी. उन्होंने मुझे चुनाव जितने का फ़ॉर्म्युला दिया. अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम और जीवंत संपर्क रखने के उनके फ़ॉर्म्युले का इस्तेमाल करके ही मैं स्वयं एक ही निर्वाचन क्षेत्र से लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीती हूँ. इसी ऋणनिर्देश के लिए रामभाऊ के 90 वर्ष पूर्ति के सुअवसर मैं मध्य प्रदेश से मुंबई आयी हूँ.” सुमित्राताई ने विशेष जोर देते हुए कहां कि जो बात हम महिला सांसदों के भी ख्याल नहीं आयी वो राम नाईक ने कर दिखाई. आज उनके कारण ही स्तनपान प्रोत्साहन व नवजात शिशुआहर इश्तेहारों पर प्रतिबंध है।
तुंगारेश्वर के बालयोगी सदानंद महाराज के पवित्र सानिध्य में संपन्न श्री राम नाईक के भव्य अभिनंदन समारोह में मुंबई के सैंकड़ो नागरिक के साथ ही महाराष्ट्र के दूर इलाकों में बसे कुष्ठपीडित, दादरा नगर हवेली के वयोवृद्ध स्वातंत्र्यसेनानी भी सम्मिलित हुए थे. इस अवसर पर ‘पद्म भूषण’ से मनोनित श्री राम नाईक के जीवनी पर लघुपट दिखाया गया. राम नाईक जिस उत्तर मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार सांसद चुने गए वही क्षेत्र के विद्यमान भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल इस समय बोलते हुए काफी भावुक हो गए।
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श्री गोयल ने कहा, “मेरे पिताजी और भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे वेदप्रकाश की और रामभाऊ की मित्रता और सहयोग मैं बचपन से देखता आया हूँ. व्यक्तिगत तौर पर तो वो मुझे पितृतुल्य है ही, मगर उनकी संपूर्ण जीवनी की हर छोटी – मोटी बातों से हमें केवल सामाजिक कार्य के लिए ही नहीं तो व्यक्तिगत जीवन के लिए भी सीखने जैसा बहुत कुछ है. राम नाईक आदर्श कार्यकर्ता, नेता तो है ही मगर एक पति और पिता की भूमिका के लिए भी आदर्श हैं. इसलिए आज के इस सुखद अवसर पर मेरी चाचीजी अर्थात उनकी धर्मपत्नी कुंदा जी की याद भी आ रही है।”
पद्म भूषण के लिए मनोनित, जन्मभूमि (गुजराती) के संपादक श्री कुंदन व्यास ने तो इस समारोह में बोलते वक्त श्री नाईक के अनेकानेक कामों की यादें उजागरकिया. पिछले 50 वर्षों से राम नाईक की राजनीति करीब से देख रहे श्री कुंदन व्यास ने कहा, “एक पत्रकार होने के नाते कईयों को करीब से देखा है और इसलिए राम नाईक बहुत प्रिय है. 1978 में विधायक राम नाईक जितना पारदर्शी थे, उतनेही पारदर्शी मैंने उन्हें राज्यपाल के रूप में भी पाया है. एक बार कोई काम राम नाईक ने हाथ में लिया तो उसे पूर्ण करे बगैर वें रुकते ही नहीं, फिर उसके लिए कितने भी दिन, महीने, साल क्यों न लगे? पिछले 20 वर्षों से तारापुर अणु ऊर्जा प्रकल्प पीडितों के लिए वें स्वयम् मुंबई उच्च न्यायलय में लड़ रहे हैं. कोई दूसरा ऐसा नेता नहीं मिलेगा।”
अपने अभिनंदन को उत्तर देते हुए पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा, “मैं कृतार्थ हूं. 18 – 19 की उम्र में जब कश्मिर के मुद्दे को लेकर डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने सत्तात्याग कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की तो उससे प्रभावित हो कर मैं जनसंघ से जुड़ा. फिर वहां पंडित दीनदयाल ने ‘अंत्योदय’ के लिए राजनीति की सीख दी और मैं काम करता रहा. प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की सरकार ने कलम 370 हटाया तो इसका आनंद पुरे देश को है लेकिन मेरे जैसे कार्यकर्ता को तो वह तपस्यापूर्ति का पल है।’’
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राम नाईक ने उपस्थितों को दो गुरु मंत्र भी दिए, उन्होंने कहा समाज और राजनीति में काम करनेवाले हर एक ने सामनेवाला कितना भी गुस्से में क्यों न हो उससे शांतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, और दूसरा मंत्र यह है कि विरोधक को नहीं बल्कि उसके विरोध के कारण को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. इन दो मंत्रों को अपनाने से ही हर काम में साथी जुड़ते जाते हैं, काम अधिक अछ्ही तरह से होता है.” अंत में राम नाईक ने यह भी कहा कि उन्हें आदरणीया राष्ट्रपति द्वारा मिलनेवाला ‘पद्म भूषण’ वें अपने सभी सहयोगीओं को समर्पित करेंगे।
इस अवसर पर उत्तर मुंबई के विद्यमान सांसद गोपाल शेट्टी, भाजपा मुंबई के अध्यक्ष आशिष शेलार, विधायिका विद्या ठाकुर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मुंबई के संघचालक सुरेश भगेरिया, विश्व हिंदू परिषद के देवकीनंदन जिंदल ने भी राम नाईक को दीर्घायुरारोग्य के लिए प्रकट शुभकामनाएं दी। रामायण के अभ्यासक वीरेंद्र याज्ञिक ने सूत्रसंचालन किया, तो भारतीय जनता पार्टी, महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष व अभिनंदन समारोह के प्रमुख संयोजक। जयप्रकाश ठाकुर ने आभार प्रकट किए।