मुखिया
देश में मुखिया बनने की होड़
सभी सम्मानित दलों में लगी है।
अनगिनत दल मुखिया बनने में
अपनी अपनी दफली बजा रहे हैं।
मतदाताओं को ललचा रहे हैं
सुविधाएं देने का वादा सबसे कर।
अपनी ओर जनता को आकर्षित कर
अपनी वोट बैंक को बढ़ा रहे हैं।
एक दूजे पर आरोप लगाकर भाई
मुखिया बनने की चाल चल रहे हैं।
रात-दिन सियासी जंग में लगे नेता
जनता को कम कुर्सी को देख रहे हैं।
सबको खुश करने का मंत्र जप रहे हैं
सब कुछ करो देश के सम्मानित नेताओं।
पर भारत माता की एकता अखंडता को
ठेस न पहुंचे इस का ध्यान रखते हुए।
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराएं
लोक तंत्र के इस महापर्व को आदर से मनाएं।
देश के मुखिया वाली सम्मानित कुर्सी पर
योग्य भारत माता के लाल को बैठाएं मित्रों।