बिहार के मुंगेर में जन्मीं मोना दास (Mona Das) अपने पहले ही प्रयास में अमेरिका में वाशिंगटन राज्य के 47वें जिले की सीनेटर चुनी गई। डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य मोना ने अमेरिकी सीनेट में हिंदू धर्मग्रंथ गीता के साथ अपने पद की शपथ ग्रहण की।
मोना दास महज आठ माह की उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं। उनके पूर्वज बिहार के मुंगेर जिले के खड़गपुर मंडल के दरियापुर गांव के रहने वाले थे। उनके दादा डॉ. गिरीश्वर नारायण दास गोपालगंज जिले में सिविल सर्जन रहे। मोना दास का जन्म भी दरभंगा अस्पताल में 1971 में हुआ था। मोना दास के पिता सुबोध दास एक इंजीनियर हैं और सेंट लुईस एमओ में रहते हैं।
लड़कियों को आगे बढ़ाने का फैसला
सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट मोना दास की शपथ 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के मौके पर हुई थी। हाथ में गीता रखकर अपने संदेश की शुरुआत में उन्होंने कहा था,नमस्कार और प्रणाम आप सबको … मकर संक्रांति की बधाई हो आप सबको। मोना ने अपने संदेश में कहा कि एक लड़की को शिक्षित करके आप एक पूरे परिवार और आगे की पीढ़ियों को भी शिक्षित करते हैं। एक निर्वाचित सीनेटर के रूप में उन्होंने लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। मोना दास ने कहा कि “मेरी योजना है कि एक दिन मैं अपने पैतृक घर बिहार के दरियापुर में जाऊं और भारत के बाकी हिस्सों में घूमने जाऊं, जो कि मेरा मूल देश हैं।”
इक्विटी की वकालत करने की योजना
इस चुनाव में मोना दास ने दो बार के रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जो फैन (Joe Fain) को हराया है। वह सीनेट हाउसिंग स्टैबिलिटी एंड अफोर्डेबिलिटी कमेटी की वाइस चेयरमैन के रूप में काम करेंगी। वह सीनेट परिवहन समिति,सीनेट वित्तीय संस्थानों,आर्थिक विकास और व्यापार समिति और सीनेट पर्यावरण,ऊर्जा और प्रौद्योगिकी समिति पर भी काम करेगा। इस सत्र में उन्होंने पर्यावरण,रंग के समुदायों और महिलाओं के लिए इक्विटी की वकालत करने की योजना बनाई है।