आगरा। मौत का नाटक रचकर बीमा कंपनियों के 90 लाख रुपये हड़पने के मामले में थाना रकाबगंज पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान परसौल निवासी रामवीर के रूप में हुई है। मामले में पुलिस मुख्य आरोपी अनिल और विजयपाल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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पारसौल गांव निवासी अनिल मलिक ने 3 जुलाई 2006 में आगरा में भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर कार में बिठाया था। खाने में नशे की गोलियां मिला दी थीं। बेहोश हो जाने पर कार में आग लगा दी थी। मामले में अनिल के परिजनों ने कार में जले व्यक्ति की शिनाख्त अनिल मलिक के रूप में की थी। अनिल ने वारदात में पिता, भाई और दोस्तों को भी शामिल कर लिया था।
परिजनों ने अनिल के नाम की बीमा पॉलिसी के 80 लाख रुपये और कार बीमा के 10 लाख रुपये हड़प लिए थे। इसके बाद अनिल मलिक नाम बदलकर गुजरात के अहमदाबाद में रहने लगा।
वारदात के 17 वर्ष बाद 2023 में अहमदाबाद पुलिस ने अनिल को शक के आधार पर हिरासत में लेकर छानबीन की। जिसके बाद मामले का खुलासा हो गया। अहमदाबाद में अनिल मलिक ने अपना नाम चौधरी राजकुमार रख लिया। उसी नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक में खाता भी खोल लिया था।
अनिल की जानकारी जुटाने अहमदाबाद पुलिस दनकौर के परसौल गांव आई थी। उसके स्कूली दस्तावेज की जांच की गई थी। जिसके बाद अनिल मलिक व पिता विजयपाल सिंह और भाई अभय सिंह निवासी गाजियाबाद समेत अन्य के खिलाफ आगरा के रकाबगंज थाने में हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।
अब इस मामले में आगरा पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी रामबीर निवासी परसौल को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में रामबीर के वारदात में शामिल होने की बात सामने आई थी।
पिता और दोस्त लेकर आए थे मानसिक रूप से बीमार को
थाना रकाबगंज के निरीक्षक अपराध प्रमोद कुमार ने बताया कि गुजरात पुलिस ने पूर्व में अनिल को गिरफ्तार किया था। उसने बताया था कि हत्या में पिता विजय पाल के साथ उनका दोस्त रामवीर और भाई अभय सिंह शामिल थे। एक अन्य महिपाल की मौत हो गई थी। विजय पाल और अभय सिंह को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी से स्टे मिल गया।
रामवीर की तलाश की जा रही थी। पुलिस ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि घटना वाले दिन वह अनिल के पिता के साथ आगरा आया था। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को साथ रखा। उसे खाना खिलाया था। इस दौरान ही खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया, जिससे वह बेहोश हो गया। उसके बाद कार में आग लगा दी गई। हालांकि रामवीर ने पूछताछ में पुलिस को ज्यादा जानकारी नहीं दी।