• चाहता हूं कि कोई नेक काम हो जाए, मेरी हर सांस देश के नाम हो जाए
• मुख्य अतिथि आर्मी एविएशन के कर्नल जीपीएस कौशिक ने साझा किये 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक कारगिल की बर्फीली चोटियों के अनुभव
लखनऊ। कारगिल विजय दिवस रजत महोत्सव के उपलक्ष में नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर, लखनऊ की 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग द्वारा आज 24 जुलाई 2024 को महाविद्यालय सभागार में याद करो कुर्बानी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान हेलीकॉप्टर यूनिट से जवानों को ऊंची चोटियों तक पहुंचाने तथा रसद की आपूर्ति बहाल रखने में अहम भूमिका निभाने वाले आर्मी एविएशन के कर्नल जीपीएस कौशिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो मंजुला उपाध्याय ने की तथा संयोजन व संचालन एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ) मनमीत कौर सोढी ने किया। 19 बटालियन से सूबेदार मेजर ताजबर सिंह, सूबेदार दीपेंद्र राई, बीएचएम संदीप, हवलदार दीपक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि, प्राचार्य एवं एनसीसी अधिकारी द्वारा कारगिल युद्ध के शहीदों के चित्र पर सैनिक सम्मान के साथ पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ। इस अवसर पर कैडेट साक्षी सोनकर, एवं जिया थापा ने देशभक्ति पर आधारित एकल नृत्य प्रस्तुत किए। एक बेहतरीन तालमेल का प्रदर्शन करते हुए कैडेट पूजा गौतम, जुल्फी राजपूत, महिमा, बुशरा हामिद, खुशी सिंह, जिया, प्रिया सिंह, सारिका, प्रज्ञा, वैष्णवी, तनु, पूर्णिमा ,ज्योति गौतम ने देशभक्ति पर आधारित पिरामिड नृत्य की जोश पूर्ण प्रस्तुति दी। कैडेट अंजलि वाजपेई ने कारगिल युद्ध का वर्णन एक कविता के माध्यम से किया।
कर्नल ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक कारगिल की बर्फीली चोटियों पर कठिन परिस्थितियों में अत्यंत बहादुरी के साथ थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने साहस का परिचय दिया। यह युद्ध आसान नहीं था क्योंकि दुनिया के सबसे उंचे रण क्षेत्र में लड़ा गया। कर्नल कौशिक और उनकी टीम ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज को रणभूमि के उस हिस्से तक पहुंचाया जहां से युद्ध की पूरी प्लानिंग की गई। अपने चीता हेलीकॉप्टर से आयुध और रसद की आपूर्ति बहाल रखने में भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई।
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युद्ध के दौरान हेलीकॉप्टर मिशन अत्यधिक ऊंचाई पर सबसे कठिन परिचालन स्थितियों में और प्रतिकूल मौसम की स्थितियों में किए गए। उन्होंने कारगिल से संबंधित चित्रों का प्रदर्शन करते हुए समस्त घटनाक्रम को समझाया। इस अवसर पर वीडियो के माध्यम से भी कारगिल युद्ध के दौरान जान की बाजी लगाने वाले जवानों के शौर्य का भी प्रदर्शन किया गया।
प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में यह कहा कि कारगिल युद्ध हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि हमें जीवन में अनुशासित जीवन जीने के साथ-साथ प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। देश के जवानों के दिए गए बलिदान के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम समझ में जिस भी स्थान पर हैं वहां के दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ करें।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मेजर (डॉ) मनमीत कौर सोढ़ी ने एक सैनिक के उदगार इस प्रकार से व्यक्त किए..
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है।
हम लहराएंगे हर जगह यह तिरंगा,
नशा यह हिंदुस्तान की शान का है।।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता के विजयी कैडेट्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।सम्मानित होने वाली कैडेट्स के नाम कैडेट साक्षी त्रिवेदी, अनामिका सिंह, सिद्धि यादव, सौम्या थापा, शिप्रा गौतम, पलक सिंह, खुशी सिंह, अंजलि अस्थाना, वैष्णवी श्रीवास्तव, निष्ठा मिश्रा और ऋषिका सिंह।
कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट पलक गुप्ता, शिवानी पाल, सोनल सिंह, स्वीटी सिंह, शुभांगी, गौरवी समेत बड़ी संख्या में प्रवक्ताए एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। राष्ट्रगान एवं भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी