बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्र संगठनों का प्रदर्शन लगातार जारी है। इस बीच देश में जारी हिंसा के बीच मंगलवार को मौत का आंकड़ा 440 पहुंच गया है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद विभिन्न हिंसक घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। उधर, सेना द्वारा बांग्लादेश में हिंसा को नियंत्रित करने की कोशिशें भी लगातार जारी हैं।
धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है स्थिति
स्थानीय खबरों के अनुसार पुलिस और सेना के जवान सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं। इस वजह से स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है। बताया गया है कि बांग्लादेश में एक लंबे समय के बाद विद्यालय भी खोले गए हैं। दरअसल, देश में विवादित आरक्षण प्रणाली के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन की वजह से विद्यालय बंद कर दिए गए थे। सोमवार को हुई अभूतपूर्व हिंसा के बाद मंगलवार को ढाका में स्थित पर काफी हद तक काबू पाया गया है। ढाका की सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन का संचालन शुरू हो गया है। इसके अलावा सड़कों में दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलना शुरू कर दिया है। वहीं, सरकारी वाहनों को भी कार्यालयों की तरफ जाते हुए देखा गया है।
सोमवार तक हिंसा में कुल 440 लोगों की मौत
सोमवार को आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान राजधानी ढाका समेत देश के अन्य हिस्सों में भड़की हिंसा के दौरान करीब 109 लोगों की मौत हुई है। उधर, रविवार को हिंसा के दौरान कुल 114 लोगों की मौत हुई थी। 16 जुलाई से शुरू हुई हिंसा की वजह से सोमवार तक कुल 440 लोगों की जान गई। बीते महीने यानी जुलाई महीने में बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शनों के दौरान 200 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद बीते रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और आवामी लीग पार्टी के समर्थकों के बीच झड़प शुरू गई थी।