नई दिल्ली: अभिनेत्री नमिता ने आरोप लगाया कि प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में दर्शन करने से रोका गया और उनसे हिंदू होने का सबूत मांगा गया। उन्होंने मंदिर अधिकारियों के कथित अशिष्ट व्यवहार पर निराशा जताई। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी सदस्य अभिनेत्री नमिता ने सोमवार को आरोप लगाया कि मंदिर के एक अधिकारी ने उन्हें दर्शन करने से रोका और हिंदू होने का सबूत मांगा। अधिकारी ने मुझसे यह साबित करने के लिए प्रमाणपत्र मांगा कि मैं हिंदू हूं और साथ ही मेरा जाति प्रमाणपत्र भी मांगा। देश में मैंने कई मंदिरों में दर्शन किया लेकिन उनमें मुझे ऐसी यातना नहीं झेलनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि मैं हिंदू परिवार में जन्मी हूं और मेरा विवाह तिरुपति में हुआ था तथा मेरे बेटे का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर है। एक अधिकारी ने मुझसे अशिष्टता और अहंकार से बात की। मेरी जाति और मेरे विश्वास को साबित करने के लिए प्रमाणपत्र की मांग की।
मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपों से इन्कार किया और कहा कि उन्होंने नकाब पहने हुए नमिता और उनके पति को रोका तथा पूछा कि क्या वे हिंदू हैं और मंदिर की परंपरा के बारे में बताया। उनसे स्पष्टीकरण मिलने के बाद, उनके माथे पर कुमकुम लगाया गया और उन्हें देवी मीनाक्षी के दर्शन के लिए मंदिर के अंदर ले जाया गया। जब इस बारे में पूछा गया तो अभिनेत्री ने कहा कि मुझे अपनी आस्था स्पष्ट करने और माथे पर कुमकुम लगाने के बाद ही दर्शन की अनुमति दी गई।
उन्होंने कहा कि मदुरई की मेरी यात्रा आध्यात्मिक थी और मैं इस्कॉन में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने आई थीं। अभिनेत्री ने कहा कि पूछने का एक तरीका होता है। मुझे एक कोने में 20 मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा। हमने रविवार को पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में सूचित कर दिया था। अभिनेत्री ने कहा कि मैंने मास्क इसलिए पहना था क्योंकि मैं उन भक्तों को परेशान नहीं करना चाहती थीं जो मुझे पहचान सकते थे। इससे पहले दिन में नमिता ने हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि मंत्री पी के शेखर बाबू को एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी परेशानी बताई और उनसे असभ्य मंदिर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।