पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर बनाये जा रहे दबाव का यह असर हुआ है कि फ्रांस ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाने की बात कही। फ्रांस ने कहा, “अगले कुछ दिनों” में फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के लिए एक प्रस्ताव लाएगा।
2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से
फ्रांस के इस कदम को भारत की बड़ी सफलता माना जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निषिद्ध संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर ने हाल में पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। जिसमें 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए पक्ष बनेगा। 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 में एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध की मांग की गई थी। तब इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया था।
फ्रांस के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप और अजीत डोभाल
फ्रांसीसी सूत्र ने बताया,“फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी सूची में डालने के लिये एक प्रस्ताव का नेतृत्व करेगा। यह अगले कुछ दिनों में होगा।” फ्रांस के इस फैसले पर फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप एतिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच आज सुबह चर्चा हुई। इस दौरान हमले को लेकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए फ्रांसीसी कूटनीतिज्ञ ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को अपने कूटनीतिक प्रयासों में समन्वय करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को
पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद के खात्मे के बाद सारी दुनिया की निगाहें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर टिकी हुई है। उधर अमेरिका ने भी पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा है कि वह मसूद अजहर को आतंकियों की लिस्ट में डाले। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है।