पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ Musharraf ने स्वीकार किया है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। निजी न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बुधवार को इस स्वीकारोक्ति के साथ पुलवामा हमले पर दुख व्यक्त किया और इसकी निंदा की। मगर, साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान निर्दोष है।
Musharraf ने बताया भयानक
मुशर्रफ Musharraf ने इंटरव्यू में कहा, ’यह भयानक है। हमें खेद है और हम इसकी निंदा करते हैं। मेरी इससे कोई सहानुभूति नहीं है। मुझ पर जैश ने हमला किया था। मुझे नहीं लगता कि इमरान खान को जैश के साथ कोई सहानुभूति होगी। हालांकि, मुशर्रफ ने दृढ़ता से कहा कि हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी।’
मुशर्रफ ने कहा, ’मौलाना ने इसे किया। जैश ने इसे किया, लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को दोष नहीं देना चाहिए। सारी जानकारी जुटाने के लिए एक संयुक्त जांच दल होना चाहिए। यदि इसमें सरकार शामिल है, तो यह खेदजनक होगा।’
परवेज मुशर्रफ ने आगे कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी और आत्मघाती हमलावर की पहचान कश्मीरी युवक आदिल अहमद डार के तौर पर हुई थी।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले के लिए इस्तेमाल किए गए आरडीएक्स को रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना ने खरीदा था और जैश के ऑपरेटर्स को दिया गया था। विस्फोटक जमा करने की प्रक्रिया मार्च 2018 से शुरू हुई थी। बैगपैक, सिलेंडर और कोयला बैग के जरिए विस्फोटकों की तस्करी त्राल में महिलाओं और बच्चों के जरिए की गई थी।
बताते चलें कि पुलवामा हमले के बाद सेना की कार्रवाई में जैश के तीन शीर्ष आतंकियों को 16 घंटे के ऑपरेशन के बाद मार गिराया गया था। हालांकि, मुठभेड़ में एक मेजर और चार सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हो गए थे।