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पावर कारपोरेशन के निष्कासित तकनीशियन ने किया विधानसभा का किया घेराव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में तीन वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर निष्कासित कर्मचारी पिछले 54 दिन से ईको गार्डन में धरनारत हैं। पिछले 54 दिनों से धरना दे रहे निष्कासित कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में पावर कारपोरेशन में रिक्त पड़े पदों पर समायोजित किया जाए। इसी समायोजन की मांग को लेकर ईको गार्डन में तमाम परेशानियों के बीच धरना दे रहे कर्मचारियों को 54 दिन बीतने के बाद भी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। इससे समस्त कर्मचारियों में भीषण रोष व्याप्त है।

शुक्रवार को भारी सँख्या में निष्कासित टीजी2 कर्मचारी भाजपा मुख्यालय के सामने स्थित लखनऊ विधानसभा पर उपस्थित हुए जिनकी भारी संख्या देखकर पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। धरने के मुख्य संयोजक देशदीपक का कहना है कि जब उत्तर प्रदेश पावर कारपरेशन में 1300 से अधिक विभागीय रिक्तियां है तो उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में समायोजन क्यों नहीं किया जा रहा है। रवि शर्मा ने कहा कि इस पूरे मामले में पावर कारपोरेशन के निदेशक कार्मिक प्रबंधन ए के पुरवार इस प्रकरण में सीधे दोषी हैं इसलिए वह इस मामले में मुँह छुपाकर चुप्पी साधते नजर आ रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा रूपेश यदुवंशी और रवि कुमार शर्मा नामक निष्कासित कर्मचारी से हाथापाई एवं मारपीट भी की गई। जिससे रूपेश की गर्दन पर और रवि के पैर में काफी चोट लगी है। इससे कर्मचारियों में भीषण गुस्सा व्याप्त हो गया और उन्होंने पुलिस कांस्टेबल विकास चौधरी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।

धरने में उपस्थित नेपाल सिंह द्वारा कहा गया कि यदि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, कारपोरेशन द्वारा 603 कर्मचारियों की समायोजन की मांग को अब यदि पूरा नहीं किया गया तो शीघ्र ही मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया जाएगा। विधानसभा घेराव एवं धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में बलराम, मंसूर, हरेश कुमार,गौरव नेगी, विवेक कुमार, संजय, कृष्णा कुलश्रेष्ठ, सतीश कुमार, विमल, दीपक जितेंद्र, इंद्रजीत पाल, अशोक मौर्य समेत काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।

दया शंकर चौधरी

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